प्रतिक्रिया | Wednesday, April 02, 2025

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केंद्र सरकार ने कर्नाटक में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्‍त वर्ष 2024-25 के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान की पहली किस्त के रूप में 448.29 करोड़ रुपये जारी किए हैं। ये धनराशि राज्य की सभी 5,949 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए है।

पंचायती राज मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी बयान में बताया कि केंद्र सरकार, पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) के माध्यम से राज्यों में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 15वें वित्त आयोग अनुदान जारी करने की अनुशंसा करती है, जिसे वित्त मंत्रालय बाद में जारी करता है। मंत्रालय ने कहा कि आवंटित अनुदान की अनुशंसा की जाती है, जिसे वित्‍त वर्ष में 2 किस्तों में जारी किया जाता है।

मंत्रालय ने कहा कि संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित 29 विषयों के तहत, वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) द्वारा स्थान-विशिष्ट जरूरतों के लिए अप्रयुक्त अनुदान का उपयोग किया जाएगा। इन प्रयुक्त अनुदान का उपयोग (ए) स्वच्छता और ओडीएफ स्थिति के रखरखाव की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है, इसमें घरेलू अपशिष्ट का प्रबंधन और उपचार और विशेष रूप से मानव मल और मल प्रबंधन और (बी) पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन तथा जल पुनर्चक्रण शामिल होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई)/ ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को 15वें वित्त आयोग के अनुदान प्रदान करके ग्रामीण स्वशासन को मजबूत करने के लिए कदम उठा रही है। यह निधि स्थानीय शासन निकायों को अधिक प्रभावी, जिम्मेदार और स्वतंत्र बनाने में मदद करती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सतत और स्थायी प्रगति होती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के विज़न का अनुसरण करते हुए यह पहल सभी को लाभ पहुंचाने वाले विकास को बढ़ावा देती है और लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है। ये स्थानीय निकाय भारत के विकास की कुंजी हैं और विकसित भारत के निर्माण में मदद कर रहे हैं।

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आखरी अपडेट: 2nd Apr 2025