वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट 2025-26 पेश किया। बजट भाषण की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट आम आदमी की खर्च करने की क्षमता बढ़ाने वाला होगा।
बजट 2025: गरीब, युवा, अन्नदाता और महिलाओं पर केंद्रित
इसके अलावा उन्होंने कहा कि बजट का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर को बढ़ाना, समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाना, घरेलू भावना को ऊपर उठाना और बढ़ते हुए मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाना है। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2025 में गरीब, युवा, अन्नदाता और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए 10 व्यापक क्षेत्रों को शामिल किया है। कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात विकास के इंजन हैं।”
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है
बजट में वित्त मंत्री द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे किसानों को सस्ता लोन पाने में मदद मिलेगी। इससे पहले वित्त मंत्री द्वारा शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया गया। सर्वेक्षण में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत की जीडीपी 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, महंगाई नियंत्रण में है। वित्त वर्ष 25 के अप्रैल- दिसंबर की अवधि में औसत महंगाई कम होकर 4.9 हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 24 में 5.4 प्रतिशत थी।
महंगाई को स्थिर करने में सरकार के सक्रिय नीतिगत हस्तक्षेप महत्वपूर्ण
सर्वेक्षण में कहा गया कि महंगाई को स्थिर करने में सरकार के सक्रिय नीतिगत हस्तक्षेप महत्वपूर्ण रहे हैं। इन उपायों में आवश्यक खाद्य पदार्थों के लिए बफर स्टॉक को मजबूत करना, समय-समय पर खुले बाजार में सामान जारी करना और आपूर्ति की कमी के दौरान आयात को आसान बनाने के प्रयास शामिल हैं। चुनौतियों के बावजूद भारत में महंगाई प्रबंधन के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि भारत की खुदरा महंगाई धीरे-धीरे वित्त वर्ष 2026 में लगभग 4 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप हो जाएगी।(इनपुट-आईएएनएस)