लम्बे समय से इंतजार कर रहे पर्यटकों के लिए खुशखबरी आई है, क्योंकि केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में हाल ही में बर्फबारी शुरू हो गई है। इस बर्फबारी से न सिर्फ मौसम में ठंडक आई है, बल्कि धामों में पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो गए हैं। वहीं इन स्थानों पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है और स्थानीय व्यापारियों में उम्मीदों का संचार हो गया है।
चोपता और दुगलबिट्टा, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से जाना जाता है, में सीजन की पहली बर्फबारी ने पर्यटकों को आकर्षित किया है। बर्फबारी के बाद चोपता के हरे बुग्याल सफेद चादर में लिपट गए हैं। पर्यटकों का यहां आना शुरू हो गया है, जिससे स्थानीय व्यापारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस सीजन में अधिक संख्या में सैलानी आएंगे। इन पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी से न केवल पर्यटकों का उत्साह बढ़ा है, बल्कि स्थानीय रोजगार में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों पर असर
रविवार रात से केदारनाथ धाम में हल्की बर्फबारी शुरू हो गई, जिसके कारण धाम में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। बर्फबारी के चलते यहां पुनर्निर्माण कार्यों में रुकावट आ गई है। धाम में करीब दो इंच बर्फ जम गई है, जिससे 100 से अधिक मजदूर जो पुनर्निर्माण कार्य में जुटे थे, उन्हें ठंड का सामना करना पड़ रहा है। मजदूर अब बर्फबारी के रुकने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे अपने काम को फिर से शुरू कर सकें। रात के समय तापमान माइनस डिग्री तक गिरने से बर्फ पिघलाकर पानी का उपयोग किया जा रहा है।
बदरीनाथ धाम में भी बर्फबारी का असर
बदरीनाथ धाम में भी 8 दिसंबर की देर शाम हल्की बर्फबारी हुई जिससे मौसम में ठंडक बढ़ गई है। नवंबर में यात्रा सीजन समाप्त होने के बाद धाम में बर्फबारी का इंतजार था, क्योंकि बिना बर्फबारी के मौसम को स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं माना जा रहा था। लेकिन अब हुई बर्फबारी ने धामों के वातावरण को अनुकूल बना दिया है। बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि धामों में 5 सेमी तक बर्फ जमी हुई है और सुरक्षा के लिए मंदिर समिति के स्वयंसेवक तैनात हैं।
त्रियुगीनारायण में हल्की बर्फबारी, स्थानीय लोग खुश
केदारनाथ की घाटी और त्रियुगीनारायण में भी हल्की बर्फबारी हो रही है, जिससे यहां के लोग खुश हैं। बर्फबारी से फसलों में भी नई ऊर्जा का संचार हुआ है, और मौसम में अनुकूलता आई है। यह बर्फबारी केदारनाथ, बदरीनाथ और आसपास के क्षेत्रों के लिए न केवल मौसम का बदलाव लाती है, बल्कि पर्यटन और कृषि क्षेत्र में भी सकारात्मक प्रभाव डालने की संभावना जताई जा रही है।