भारतीय अर्थव्यवस्था के लगातार शानदार प्रदर्शन को देखते हुए देश-दुनिया की तमाम रेटिंग एजेंसीज ने भारत की विकास दर के अपने अनुमान में बदलाव करते हुए उसे बढ़ाया है। इसी क्रम में अब ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ‘फिच रेटिंग्स’ ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की जीडीपी (GDP) ग्रोथ का अनुमान पहले के 6.5% से बढ़ाकर 7% तक कर दिया है। इसी तरह रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
रेटिंग एजेंसी ने आउटलुक रिपोर्ट की जारी
रेटिंग एजेंसी ने गुरुवार को जारी मार्च आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7 फीसदी की दर से बढ़ सकता है।
भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत विस्तार रखेगी जारी
इस संबंध में फिच रेटिंग्स का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था अपना मजबूत विस्तार जारी रखेगी। रेटिंग्स एजेंसी को उम्मीद है कि जुलाई से दिसंबर तक भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दर में कटौती कर सकता है।
मजबूत घरेलू मांग और निवेश में बढ़ोतरी से मिलेगा सपोर्ट
केवल इतना ही नहीं फिच ने यह उम्मीद भी जताई है कि साल 2024 के अंत तक भारत की सीपीआई खुदरा महंगाई दर, सीपीआई इन्फ्लेशन धीरे-धीरे घटकर चार फीसदी हो जाएगी। रेटिंग्स एजेंसी ने कहा है कि इमर्जिंग इकोनॉमी में खासकर भारत की ग्रोथ मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में विकास दर 7.8% रह सकती है। फिच का कहना है कि भारत की आर्थिक विकास दर को मजबूत घरेलू मांग और निवेश में बढ़ोतरी से सपोर्ट मिलेगा।
फिच ने अपनी रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि केंद्रीय बैंक आरबीआई जुलाई से दिसंबर में रेपो रेट घटा सकता है। इस बीच फिच ने चीन के 2024 के पूर्वानुमान को 4.6% से घटाकर 4.5% कर दिया है। याद हो, हाल ही में मूडीज ने साल 2024 भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.1 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 फीसदी किया है।
सरकार का चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहने का है अनुमान
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रेटिंग एजेंसी का आर्थिक वृद्धि दर का यह अनुमान भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 7.6 फीसदी के संशोधित अनुमान से ज्यादा है। हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में जारी एक बयान में कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में देश की जीडीपी वृद्धि दर आठ फीसदी के बहुत करीब रह सकती है।