‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ का मतलब है, ‘जहां स्त्रियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं’। मोदी 3.0, प्रगतिशील नीतिगत सुधारों, स्पष्ट विजन और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के बढ़ते हुए दायरे के माध्यम से इस कथन को आत्मसात करते हुए जिस तरह आगे बढ़ रही है उसके परिणाम सुखद हैं। सरकार ने लगातार तमाम योजनाओं के ज़रिए महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण अपनाया है।
भारत की विकास यात्रा में महिलाएं समान हितधारक
“सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” का विजन लैंगिक समावेशिता पर जोर देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि भारत की विकास यात्रा में महिलाएं समान हितधारक हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के माध्यम से लड़कियों के लिए शैक्षिक अवसरों में सुधार से लेकर मुद्रा योजना के साथ उद्यमिता का समर्थन करने और नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिए अधिक से अधिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व हासिल करने तक, सरकार की नीतियों ने लाखों महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव किया है, जिससे वे सशक्त और स्वतंत्र जीवन जी पा रही हैं।
भारत की प्रगति की प्रेरक “नारी शक्ति”
महिला सशक्तिकरण के लिए पीएम मोदी का दृष्टिकोण बहुआयामी है, जो शिक्षा, उद्यमिता, राजनीतिक भागीदारी, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय समावेशन पर केंद्रित है। भारत की प्रगति के पीछे एक प्रेरक शक्ति के रूप में “नारी शक्ति” पर मोदी सरकार के जोर ने ऐतिहासिक सुधारों को जन्म दिया है जिसने भारत के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को नया रूप दिया है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ: 2015 में शुरू की गई, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य घटते बाल लिंग अनुपात (CSR) को सुधारना और लड़कियों की शिक्षा और कल्याण को बढ़ावा देना है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा की दिशा में बड़े कदम उठाने के साथ जागरूकता अभियानों को इंटिग्रेटेड करके, BBBP ने एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक बदलाव लाया है।
प्रमुख उपलब्धियां
जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार: बीबीबीपी के राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन से जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, खासकर हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में, जहां के हालात ऐतिहासिक रूप से विषम थे। स्कूलों में लड़कियों के रजिस्ट्रेशन में वृद्धि: स्कॉलरशिप प्रोग्राम्स और जागरूकता अभियानों के साथ, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में लड़कियों की नामांकन दर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। हालिया सुधार: 2024 में, लड़कियों के लिए STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए BBBP के दायरे का विस्तार किया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लड़कियों को फ्यूचर ओरिएंटेड करियर की दिशा में नए अवसर प्रदान किए जा सकें। सरकार ने इन क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्पेशल स्कॉलरशिप प्रोग्राम भी शुरू किए हैं।
महिला उद्यमिता को बढ़ावा
आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से महिला उद्यमियों की क्षमता को पहचानते हुए, पीएम मोदी ने 2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत की। यह योजना सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बिना किसी सिक्योरिटी के लिए लोन प्रदान करती है, जिससे महिलाओं को अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने का अधिकार मिलता है।
68% से अधिक लाभार्थी महिलाएं: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत से लेकर अब तक 32 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा लोन वितरण किया जा चुका है, जिसमें 68% से अधिक लाभार्थी महिला उद्यमी हैं।
सशक्त बन रहीं ग्रामीण महिलाएं: महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (SHG) को कृषि, हस्तशिल्प और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में छोटे पैमाने के व्यवसायों का विस्तार करने के लिए मुद्रा ऋण दिया जा रहा है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिला है। 2024 में, पीएम मोदी ने महिला उद्यमियों के बीच डिजिटल साक्षरता और ई-कॉमर्स कौशल को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा योजना के विस्तार का निर्देश दिया, जिससे वे अपने व्यवसायों के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का लाभ उठा सकें।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम से राजनीति में दबदबा
एक ऐतिहासिक कदम के रूप में नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण विधेयक) सितंबर 2023 में पारित किया गया, जिससे लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण सुनिश्चित हुआ। यह ऐतिहासिक कानून निर्णय लेने वाले निकायों में महिलाओं के बढ़े हुए प्रतिनिधित्व की गारंटी देता है, जिससे उन्हें भारत की नीतियों को आकार देने में एक मजबूत आवाज मिलती है।
जमीनी स्तर पर बढ़ा प्रतिनिधित्व: शक्ति वंदन अधिनियम के बाद 1.4 मिलियन से अधिक महिलाएं पंचायती राज संस्थाओं (PRI) में चुनी गई हैं, जो बेहतर शासन और सामुदायिक विकास में योगदान दे रही हैं।
शासन में महिलाओं की अधिक भागीदारी: 2024 के लोकसभा चुनावों में रिकॉर्ड संख्या में महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा जीतीं, जिससे समावेशी राजनीति के एक नए युग की शुरुआत हुई। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के कार्यान्वयन से 2029 के आम चुनावों से राज्य विधानसभाओं और संसद में महिलाओं का अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करके भारत के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने की तैयारी है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और पोषण अभियान
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) और पोषण अभियान ने गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और छोटे बच्चों के लिए बेहतर पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करके मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना के जरिए गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय मदद प्रदान की जाती है, जिससे उन्हें गर्भावस्था के दौरान और बाद में पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है।
पोषण अभियान का प्रभाव: पोषण संबंधी जागरूकता को बढ़ावा देने और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों के उपयोग को प्रोत्साहित करके, पोषण अभियान ने पूरे भारत में कुपोषण की दर को कम करने में योगदान दिया है। 2024 में, सरकार ने पोषण 2.0 का शुभारंभ किया। इसके जरिए अंडर प्रिविलेज (Underprivileged) समुदायों को सुदृढ़ पोषण प्रदान करने पर सरकार का पूरा ज़ोर है।
‘NO डिजिटल डिवाइड’
पीएम मोदी की सरकार ने डिजिटल अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल साक्षरता और कौशल विकास को प्राथमिकता दी है। डिजिटल साक्षरता अभियान (दिशा) और पीएम कौशल विकास योजना जैसी पहलों ने लाखों महिलाओं को डिजिटल कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण से सशक्त बनाया है। 10 मिलियन से अधिक महिलाओं को डिजिटल साक्षरता में प्रशिक्षित किया गया। डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों के माध्यम से, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को ऑनलाइन सेवाओं, वित्तीय उपकरणों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए सशक्त बनाया गया है। 67,000 महिला उद्यमी डिजिटल सेवा केंद्र चला रही हैं। डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म और ई-कॉमर्स को अपनाने के बढ़ते चलन के साथ, महिला उद्यमी स्थानीय सीमाओं से परे अपने व्यवसाय का विस्तार करने में सक्षम हुई हैं।
सखी वन-स्टॉप सेंटर और महिला शक्ति केंद्र ने बदले हालात
संस्थागत सहायता प्रदान करने और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए, मोदी की सरकार ने देश भर में सखी वन-स्टॉप सेंटर (ओएससी) और महिला शक्ति केंद्र (एमएसके) स्थापित किए। देश भर में 800 से अधिक सखी ओएससी संचालित हैं। ये केंद्र हिंसा और दुर्व्यवहार का सामना करने वाली महिलाओं को कानूनी, चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करते हैं साथ ही महिला शक्ति केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण, परामर्श और कौशल विकास प्रदान करते हैं।
उज्ज्वला योजना: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) ने लाखों ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त LPG कनेक्शन प्रदान करके उनके जीवन को बदल दिया है। इससे न केवल घर के अंदर प्रदूषण कम हुआ है बल्कि स्वास्थ्य परिणाम भी बेहतर हुए हैं। PMUY ने लाखों परिवारों को पारंपरिक खाना पकाने के तरीकों से स्वच्छ और सुरक्षित LPG ईंधन में बदलने में सक्षम बनाया है।
नारी शक्ति भारत की प्रगति में सबसे आगे
महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प ने न केवल व्यक्तिगत जीवन को बदल दिया है, बल्कि भारत के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने को भी मजबूत किया है। जैसे-जैसे भारत एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर होता जा रहा है, नारी शक्ति प्रगति को आगे बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने में केंद्रीय भूमिका निभाएगी कि राष्ट्र का विकास समावेशी, टिकाऊ और न्यायसंगत हो। निरंतर नीतिगत नवाचारों के साथ, भारत की महिलाएं देश को ऐसे भविष्य की ओर ले जाने के लिए तैयार हैं, जहां समानता और सशक्तिकरण साथ-साथ चलेंगे।
(लेखक के पास मीडिया जगत में लगभग डेढ़ दशक का अनुभव है, वे प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में काम कर चुके हैं)