खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग और भारतीय खाद्य निगम ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता खाद्यान्न की खरीद और वितरण प्रणाली में सुधार के लिए किया गया है। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने आज शुक्रवार को जारी एक बयान में बताया कि डीएफपीडी और एफसीआई ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए एक समझौते हस्ताक्षर हुए हैं। इस समझौते का उद्देश्य खाद्यान्न खरीद और वितरण की दक्षता और जवाबदेही को बढ़ाना है।
मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता एक ऐसी पहल है जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को बेहतर बनाने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि खाद्य सब्सिडी निधि का प्रबंधन उच्चतम स्तर की दक्षता के साथ किया जाए, जिसके लिए एफसीआई संचालन और उसके डिपो के प्रदर्शन में समग्र वृद्धि की जानी है।
इस समझौते में विशिष्ट प्रदर्शन मानक (एफसीआई डिपो के प्रदर्शन मानक सहित) और जवाबदेही उपायों की रूपरेखा दी गई है, जिनका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा संचालन के प्रबंधन में सार्वजनिक निधियों के उपयोग को अनुकूलतम बनाना है।
उल्लेखनीय है कि एफसीआई की स्थापना 1965 में संसद के एक अधिनियम के तहत की गई थी, जिसे खाद्य निगम अधिनियम, 1964 कहा जाता है। इसका प्राथमिक कर्तव्य खाद्यान्नों की खरीद, भंडारण, आवाजाही एवं परिवहन, वितरण और बिक्री करना शामिल है।