प्रतिक्रिया | Thursday, May 02, 2024

देश में पहली बार पीजोइलेक्ट्रिक बोन कंडक्शन हियरिंग इम्प्लांट्स के जरिये जन्मजात श्रवण समस्या से जूझने वाले 7 वर्षीय बच्चे का सफल इलाज

पुणे में कान, नाक और गला विभाग (ईएनटी) के डाक्टरों ने गंभीर जन्मजात श्रवण समस्याओं वाले 7 वर्षीय बच्चे और एक तरफा बहरेपन (एसएसडी) से पीड़ित एक वयस्क का सफल इलाज कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। पहली बार देश में पीजोइलेक्ट्रिक बोन कंडक्शन हियरिंग इम्प्लांट्स (बीसीआई) के जरिये सफल इलाज हुआ इसे भारत में श्रवण स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

कमांड अस्पताल (दक्षिणी कमान) का ईएनटी विभाग जिसे सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं (एएफएमएस) के एक प्रमुख न्यूरोटोलॉजी केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त है, लंबे समय से श्रवण स्वास्थ्य के लिए अत्याधुनिक समाधान प्रदान करने के लिए समर्पित है।

कान से सुनने में असमर्थ लोगों अब हो सकेगा बेहतर इलाज

इन प्रत्यारोपणों का कार्यान्वयन उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से राहत भरी खबर है जिन्हें कॉकलियर प्रत्यारोपण या पारंपरिक श्रवण यंत्रों या मध्य कान की सर्जरी से बहुत कम लाभ मिलता है। ऐसे में कमांड हॉस्पिटल का लक्ष्य बच्चों के शैक्षणिक परिणामों को बढ़ाना और श्रवण विकलांगता से प्रभावित वयस्कों के सामाजिक जीवन में सुधार करना है।

हाल में पुणे के इस अस्पताल को “रक्षा मंत्री” ट्रॉफी से किया था सम्मानित

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी सहित अन्य अधिकारियों ने कमांड हॉस्पिटल के प्रयास की खूब सराहना की है और इसकी निरंतर सफलता में विश्वास व्यक्त किया है। मेजर जनरल बी नांबियार के नेतृत्व में कमांड हॉस्पिटल (एससी) पुणे को हाल ही में प्रतिष्ठित “रक्षा मंत्री” ट्रॉफी से सम्मानित किया गया है।

लेफ्टिनेंट कर्नल (डॉ.) राहुल कुरकुरे, न्यूरोटोलॉजिस्ट और इंप्लांट सर्जन, कर्नल (डॉ.) नीतू सिंह, वरिष्ठ सलाहकार और विभागाध्यक्ष (ईएनटी) के मार्गदर्शन में इस आपरेशन को अंजाम दिया गया।

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आखरी अपडेट: 2nd May 2024