कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा में हिंदू मंदिर में कल जो हुआ वह बेहद चिंताजनक है, आपको हमारे आधिकारिक प्रवक्ता का बयान और कल हमारे प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त की गई चिंता भी देखनी चाहिए थी। इससे आपको पता चल जाएगा कि हम इस घटना के बारे में कितनी गहरी भावना रखते हैं। वहीं दूसरी ओर हाल ही में हुए हमलों के विरोध में सोमवार शाम को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर एक हजार से अधिक कनाडाई हिंदू एकत्र हुए। रैली में आयोजकों ने कनाडाई राजनेताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से खालिस्तानियों का समर्थन बंद करने का आग्रह किया।
हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने किया था हमला
ज्ञात हो रविवार को टोरंटो के निकट हिंदू सभा मंदिर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास शिविर में लोगों के साथ हिंसा की गई थी। हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया था। हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे। हमलावरों ने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए थे। यही नहीं इसके बाद मौके पर पहुंची कनाडा की पुलिस ने भी श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की थी। हमलों के बाद, कनाडा में हिंदू समुदाय के लिए काम करने वाले एक गैर-लाभकारी संगठन, हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन ने मंदिर पर हमले का एक वीडियो साझा किया और दावा किया कि खालिस्तान समर्थकों ने बच्चों और महिलाओं पर हमला किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदू मंदिर पर “जानबूझकर किए गए हमले” की कड़ी निंदा
कनाडा में मंदिर में आए लोगों पर हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदू मंदिर पर “जानबूझकर किए गए हमले” की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि भारतीय राजनयिकों को “धमकाने के कायराना प्रयास” भयानक हैं। उन्होंने एक्स पर कहा कि उम्मीद है कि कनाडाई अधिकारी न्याय सुनिश्चित करेंगे और कानून का शासन बनाए रखेंगे।
भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गिरावट
हालांकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर हमले की निंदा की थी और धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हुए ट्रूडो ने कहा कि प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा था कि ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आज हुई हिंसा अस्वीकार्य है। प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।
दरअसल हाल ही में हुए इस हमले ने पिछले कुछ वर्षों में दर्ज की गई ऐसी ही घटनाओं की श्रृंखला को और आगे बढ़ाया है, जो धार्मिक असहिष्णुता की चिंताजनक प्रवृत्ति को रेखांकित करता है। इसके अतिरिक्त कनाडा के नेताओं द्वारा अपनी धरती पर हत्या के बारे में सबूत दिए बिना आरोप लगाने के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में भारी गिरावट आई है।
कनाडा में हिंदू मंदिर में जो हुआ वह बेहद चिंताजनक है
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि कनाडा में हिंदू मंदिर में कल जो हुआ वह बेहद चिंताजनक है, आपको हमारे आधिकारिक प्रवक्ता का बयान और कल हमारे प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त की गई चिंता भी देखनी चाहिए थी। इससे आपको पता चल जाएगा कि हम इस घटना के बारे में कितनी गहरी भावना रखते हैं।
4 नवंबर की शाम को हिंदू सभा मंदिर के बाहर भारी भीड़ एकत्रित
आपको बता दें कि 3 नवंबर को खालिस्तानी हमले के बाद 4 नवंबर की शाम को कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर भारी भीड़ एकत्रित हुई और मंदिर और समुदाय के साथ एकजुटता दिखाई। एकजुटता रैली के आयोजकों ने कनाडाई राजनेताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर खालिस्तानियों को और समर्थन न देने का दबाव डाला।
कनाडा हिंदुओं के साथ अच्छा व्यवहार करे
वहीं दूसरी ओर एकजुटता रैली में भाग लेने वालों में से एक ने कहा, “एक बात स्पष्ट है – कनाडा में हमारी जान है और हिंदुस्तान में हमारी जान बस्ती है। हिंदू कनाडाई कनाडा के प्रति बहुत वफादार हैं। हिंदू कनाडाई लोगों के साथ जो हो रहा है वह सही नहीं है। समय आ गया है कि सभी राजनेता यह जान लें कि हिंदू कनाडाई लोगों के साथ जो हो रहा है वह गलत है। हम चाहते हैं कि कनाडा हिंदुओं के साथ अच्छा व्यवहार करे। हम चाहते हैं कि भारत और कनाडा के रिश्ते मजबूत हों, हम उन लोगों के खिलाफ हैं जो इसके खिलाफ हैं।”
(इनपुट-एएनआई)