देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। पूर्व पीएम की तबीयत अचानक बिगड़ने पर दिल्ली के एम्स के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।
पीएम मोदी ने डॉ मनमोहन सिंह को याद करते हुए उनके साथ किए काम को याद किया। उन्होंने कहा, “भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। संसद में उनके हस्तक्षेप भी बहुत ही व्यावहारिक थे। हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।”
“डॉ. मनमोहन सिंह जी और मैं उस समय नियमित रूप से बातचीत करते थे जब वे प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। हम शासन से संबंधित विभिन्न विषयों पर गहन विचार-विमर्श करते थे। उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा देखने को मिलती थी। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार, उनके मित्रों और असंख्य प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”
बताया जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री को “अत्यधिक सांस लेने में तकलीफ” हो रही थी और घर पर ही उनका इलाज किया गया। लेकिन सुधार न करने पर उन्हें एम्स के आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। बीजेपी सांसद जेपी नड्डा, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सिंह की स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रमुख संस्थान पहुंचे।
बता दें कि इस साल अप्रैल में मनमोहन सिंह राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए थे, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके लंबे संसदीय करियर की प्रशंसा की थी। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह 1991-96 के दौरान पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में देश के वित्त मंत्री के रूप में प्रमुखता से उभरे, उन्होंने व्यापक सुधार लाए जिससे अर्थव्यवस्था में बदलाव आया।
यूपीए के दो कार्यकाल के प्रधानमंत्री के रूप में, वह 2004 और 2014 तक शीर्ष पद पर रहे और इस साल की शुरुआत तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया। अपने राजनीतिक जीवन में सिंह 1991 से राज्यसभा के सदस्य रहे हैं, जहां वे 1998 और 2004 के बीच विपक्ष के नेता थे।
उन्होंने उच्च सदन में पांच कार्यकालों तक असम का प्रतिनिधित्व किया और 2019 में राजस्थान चले गए। संसद में उनका अंतिम हस्तक्षेप विमुद्रीकरण के खिलाफ था, जिसे उन्होंने “संगठित लूट और वैधानिक लूट” बताया।
26 सितंबर 1932 को पंजाब में जन्मे सिंह ने क्रमशः 1952 और 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। मनमोहन सिंह ने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना आर्थिक ट्रिपोस पूरा किया। इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. की।