‘संपर्क’ पहल के चौथे संस्करण को 16 दिसंबर 2024 से महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों को कवर करते हुए लॉन्च किया जा रहा है। ‘संपर्क’ ईसीएचएस (नौसेना) की जुड़ाव संबंधी एक पहल है। यह नौसेना के सेवानिवृत्त सैनिकों एवं वीर नारियों तथा उनके परिवारों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के प्रति भारतीय नौसेना की अटूट प्रतिबद्धता का हिस्सा है। जुड़ाव संबंधी यह पहल सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए एक ऐसे मंच के रूप में काम करेगी जो उन्हें नौसेना के उन अधिकारियों के साथ सीधे बातचीत करने का अवसर प्रदान करेगी, जो स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। इसके अलावा ईसीएचएस के माध्यम से चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचने में आने वाली किसी भी समस्या में उनकी सहायता करेंगे।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार ‘संपर्क 4.0’ के तहत, एक अधिकारी एवं 5 नाविकों की एक टीम महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में 10 दिनों की यात्रा करेगी और ठाणे, नासिक (देवलाली), औरंगाबाद, अहमदनगर, सोलापुर, कोल्हापुर एवं पुणे में स्थित प्रत्येक ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक्स में संवादात्मक और सारगर्भित सत्र का आयोजन करेगी।
महाराष्ट्र में जुड़ाव संबंधी यह पहल सेवानिवृत्त सैनिकों तथा उनके परिवारों, विशेष रूप से दूरदराज के एवं दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने के नौसेना स्टाफ के प्रमुख (सीएनएस) के दृष्टिकोण का एक अभिन्न अंग है। सेवानिवृत्त सैनिकों के समुदाय के भीतर सौहार्द एवं समर्थन की भावना को बढ़ावा देते हुए, संपर्क 4.0 सेवानिवृत्त सैनिकों एवं ईसीएचएस (नौसेना) के बीच सीधे संवाद का चैनल स्थापित करने पर ध्यान केन्द्रित करेगा।
‘संपर्क’ का उद्देश्य सेवानिवृत्त सैनिकों तथा उनके परिवारों के बीच विश्वास की गहरी भावना को बढ़ावा देना और यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें अपनी बात की सुनवाई होने, सहायता मिलने और देखभाल हासिल होने का अहसास हो। सेवानिवृत्त सैनिक स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित शिकायतें भी दर्ज करा सकेंगे और ईसीएचएस (नौसेना) यह सुनिश्चित करते हुए इन समस्याओं को हल करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करेगा कि कोई भी सेवानिवृत्त सैनिक उस देखभाल के बिना न रह जाए जिसकी उन्हें आवश्यकता है।
जुड़ाव संबंधी यह पहल ईसीएचएस के भीतर विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं, अधिकारों और प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करके सेवानिवृत्त सैनिकों एवं उनके परिवारों के बीच जागरूकता बढ़ाएगी ताकि उन्हें इन लाभों को बेहतर तरीके से हासिल करने के लिए सशक्त बनाया जा सके।