भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने दिल्ली के प्रमुख बाजारों में खाद्य सुरक्षा संबंधी पहलुओं पर जागरूकता अभियान शुरू किया। इस अभियान के जरिए खाद्य व्यवसाय के संचालकों को जैविक खेती, कच्चे माल के परीक्षण, कीटनाशक अवशेषों के दुष्प्रभाव, कृत्रिम रूप से पकाने और गैर-अनुमोदित (non-approved chemicals) रसायनों का उपयोग करके मोम कोटिंग के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम में “खाद्य सुरक्षा हर किसी की जिम्मेदारी है” के मंत्र के साथ खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया गया और स्वस्थ भारत को बढ़ावा देने में खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में प्रत्येक हितधारक की महत्वपूर्ण भूमिका के महत्व पर भी जोर दिया गया।
खान मार्केट और आईएनए मार्केट से शुरू हुआ व्यापक जागरूकता अभियान
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि एफएसएसएआई ने 8 अप्रैल को खाद्य सुरक्षा विभाग, दिल्ली के सहयोग से राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख बाजारों को लक्षित करते हुए एक व्यापक जागरूकता और संवेदीकरण कार्यक्रम शुरू किया है। सोमवार से दिल्ली के लोकप्रिय खान मार्केट और आईएनए मार्केट से शुरू होने वाला जागरूकता अभियान विशेष रूप से खाद्य उत्पादों में कीटनाशक अवशेषों एवं दूषित पदार्थों का पता लगाने और उसमें कमी लाने पर ध्यान केंद्रित होगा।
“फूड सेफ्टी ऑन व्हील” मोबाइल लैब से परिचित कराया गया
उल्लेखनीय है कि बाजार संघों और व्यापारियों को इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल किया गया और मुख्य रूप से फलों एवं सब्जियों में कीटनाशक अवशेषों के हानिकारक प्रभावों और उनके परीक्षण के महत्व पर शिक्षित किया गया। इसके अतिरिक्त, उपस्थित लोगों को एफएसएसएआई की अग्रणी पहल, “फूड सेफ्टी ऑन व्हील” मोबाइल लैब से परिचित कराया गया, जो विभिन्न त्वरित परीक्षण किटों से सुसज्जित है, जो विभिन्न खाद्य मैट्रिक्स, अर्थात् फलों और सब्जियों, दूध व अनाज में लगभग 50 कीटनाशक अवशेषों का पता लगाने में सक्षम है। इन परीक्षणों के परिणाम कुछ ही घंटों में उपलब्ध हो जाते हैं, जिससे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की सुविधा मिलती है।
मोम कोटिंग तथा जैविक खेती की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा की गई
व्यापारियों को त्वरित परीक्षण के लिए इस संसाधन का उपयोग करने और बाजार में बेचे जाने वाले उत्पादों की सुरक्षा व गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसके अलावा, कार्यक्रम के दौरान खाद्य उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता की गारंटी के लिए कच्चे माल के परीक्षण के महत्व पर जोर दिया गया। उपस्थित लोगों के बीच अस्वीकृत रसायनों का उपयोग करके फलों और सब्जियों को कृत्रिम रूप से पकाने और मोम कोटिंग तथा जैविक खेती की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा की गई।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में खाद्य उत्पादों के लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं की उपलब्धता के बारे में भी बताया गया। उम्मीद है कि इस जागरूकता अभियान से विशेष रूप से खाद्य उत्पादों में कीटनाशक अवशेषों और दूषित पदार्थों का पता लगाने और उन्हें कम करने पर और अधिक जागरूकता आएगी।