भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 29 जुलाई 2024 से 01 अगस्त 2024 तक भूटान में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित 4 दिवसीय व्यापक क्षमता-निर्माण कार्यशाला में खाद्य आयात नियमों और आवश्यकताओं पर जागरूकता सत्रों का नेतृत्व किया। कार्यशाला में प्रमुख कृषि उत्पादों पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ व्यापार नीति, नियमों और प्रक्रियाओं के आवश्यक पहलुओं को शामिल किया गया।
दरअसल हाल ही में भूटान के बीएफडीए और भारत के एफएसएसएआई ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया कि भूटानी खाद्य एवं कृषि निर्यात भारत के सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं, दोहरे निरीक्षण की आवश्यकता को समाप्त करते हैं और भूटानी व्यवसायों के लिए अनुपालन लागत को कम करते हैं। यह कार्यक्रम भूटान के कई स्थानों पर आयोजित किया गया, जिसमें थिम्पू, फुंटशोलिंग, गेलेफू और समद्रुप जोंगखार शामिल हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक बयान में इसके बारे में जानकारी दी है। मंत्रालय के अनुसार एफएसएसएआई ने भूटान में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित 4 दिवसीय व्यापक क्षमता-निर्माण कार्यशाला में खाद्य आयात नियमों और आवश्यकताओं पर जागरूकता सत्रों का नेतृत्व किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे और वित्त मंत्री ल्योनपो नामगे दोरजी की उपस्थिति में किया गया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार के अंतर-मंत्रालयी विशेषज्ञों के साथ मुलाकात की और विषयों की व्यापक समीक्षा की।
भूटान के प्रधानमंत्री तोबगे ने इस पहल के बारे में आशावादी दृष्टिकोण अपनाते हुए एक बयान में आशा व्यक्त की कि बातचीत से दोनों देशों के बीच आपसी समझ और विश्वास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस सहयोग से व्यापार को बढ़ाने और भूटान में उद्यमियों, निर्माताओं और किसानों के सशक्त बनाने की उम्मीद है। उन्होंने कार्यशाला के आयोजन के लिए भारतीय दूतावास को धन्यवाद दिया।
बता दें, इस कार्यशाला में व्यापार नीति, विनियमों और प्रक्रियाओं के आवश्यक पहलुओं को शामिल किया गया, जिसमें प्रमुख कृषि उत्पादों जैसे सेब, संतरा, आलू, सुपारी, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और लकड़ी पर विशेष ध्यान दिया गया।