वित्तीय समावेश के लिए वैश्विक भागीदारी पर अध्यक्षता-वर्ष के दौरान किए गए प्राथमिक कार्यों को आगे बढ़ाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह बात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (6 नवंबर) को नई दिल्ली में 'सशक्त, सतत, संतुलित और समावेशी विकास' विषय पर आयोजित जी20 वेबिनार को संबोधित करते समय कही। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय तथा श्रम और रोजगार मंत्रालय के सहयोग से वित्त मंत्रालय ने सेमिनार का आयोजन किया था। सेमिनार में विकास के लिए व्यापार क्षेत्र को खोलना, कार्य के भविष्य के लिए तैयारी करना और 'सशक्त और सतत विकास के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के माध्यम से वित्तीय समावेश और उत्पादकता लाभ: आगे का रास्ता' आदि विषयों पर पैनल चर्चा भी आयोजित की गई।
दरअसल 9 से 10 सितंबर को दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान जी20 नेताओं ने जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा (एनडीएलडी) को स्वीकार किया था। एनडीएलडी के प्रमुख विषयों में से एक है – सशक्त, सतत, संतुलित और समावेशी विकास (एसएसबीआईजी) हासिल करने की दिशा में कार्रवाई।
NDLD ग्लोबल इकोनॉमी के लिए गंभीर चुनौतियों का समाधान करती है
अपने उद्घाटन भाषण में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “सर्वसम्मति से तैयार जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा (NDLD) ग्लोबल इकोनॉमी द्वारा सामना की जा रही कुछ गंभीर चुनौतियों का समाधान करती है और जन-केंद्रित सिद्धांतों तथा विश्वास से जुड़ी साझेदारी पर आधारित भविष्य के लिए नीति मार्गदर्शन भी प्रदान करती है।” उहोंने आगे कहा कि एनडीएलडी मानता है कि अच्छी तरह से एकीकृत और पर्याप्त रूप से कुशल श्रमिक मूल और गंतव्य, दोनों ही देशों को समान रूप से लाभान्वित करते हैं। एनडीएलडी विश्व स्तर पर कौशल-अंतर का समाधान करने के महत्व पर भी जोर देता है और इस संदर्भ में व्यापक नीति मार्गदर्शन प्रदान करता है।
डीपीआई विकसित करने का समर्थन
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “भारत के इंडिया स्टैक के सफल कार्यान्वयन से प्रेरणा लेते हुए, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के माध्यम से वित्तीय समावेश को आगे बढ़ाने के लिए G20 नीति सिफारिशों को नई दिल्ली के नेताओं की घोषणा में समर्थन दिया गया था। ये सिफारिशें अच्छी तरह से संरचित डीपीआई विकसित करने, जोखिम-प्रबंधित नियामक व्यवस्था की स्थापना करने, मजबूत शासन को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने पर मार्गदर्शन प्रदान करती हैं कि डीपीआई सभी को सेवा प्रदान करे। डीपीआई को 2024-26 के लिए G20 नई वित्तीय समावेशन कार्य योजना में भी शामिल किया गया है।
भारत अब वित्तीय समावेश के लिए वैश्विक साझेदारी का सह-अध्यक्ष
सीतारमण ने आगे कहा कि भारत अब वित्तीय समावेश के लिए वैश्विक साझेदारी का सह-अध्यक्ष है, जिसे कार्य योजना के कार्यान्वयन का काम सौंपा गया है। अध्यक्षता वर्ष के दौरान किए गए प्राथमिक कार्यों को आगे बढ़ाने में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
नई दिल्ली नेताओं की घोषणा 2023 के परिणामों पर विचार-विमर्श
सेमिनार में विकास के लिए व्यापार क्षेत्र को खोलना, कार्य के भविष्य के लिए तैयारी करना और 'सशक्त और सतत विकास के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के माध्यम से वित्तीय समावेश और उत्पादकता लाभ: आगे का रास्ता इन तीन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ नई दिल्ली नेताओं की घोषणा 2023 के परिणामों पर विचार-विमर्श किया गया।
सेमिनार में तीन मुद्दों पर हुआ विचार-विमर्श
पैनल ने जयपुर कॉल फॉर एक्शन के सफल कार्यान्वयन से निर्यात में भारतीय एमएसएमई (MSMEs) की भागीदारी के स्तर को बढ़ाने और आगे चलकर इसके रास्ते में आने वाली संभावित चुनौतियों आदि पर पड़ने वाले गहरे प्रभाव पर विचार-विमर्श किया। चर्चा का विशेष ध्यान इस बात पर था कि कैसे 'जयपुर कॉल फॉर एक्शन' के परिणाम अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और किस प्रकार एमएसएमई के लिए व्यापार के भविष्य की दिशा को बदलने जा रहे हैं। चर्चा में इस बात पर जोर दिया गया कि कार्यान्वयन से निर्यात प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, व्यापार लागत को कम करने और भारतीय एमएसएमई को सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार की चल रही पहल को पूरक बनाने में मदद मिलेगी।
'कार्य के भविष्य' की तैयारी के लिए वैश्विक कौशल अंतर का समाधान, विषय पर श्रम और रोजगार मंत्रालय (एमओएलई) ने 2023 जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन और नई दिल्ली नेताओं की घोषणा के अनुवर्ती के रूप में एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। G20 रोजगार कार्य समूह (ईडब्ल्यूजी) और जी20 श्रम और रोजगार मंत्रियों ने नीतिगत प्राथमिकताओं को अपनाया, जिसमें वैश्विक कौशल अंतर का समाधान करने की प्रतिबद्धताएं शामिल थीं, जैसा 2023 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा में अनुमोदित किया गया था।
सशक्त और सतत विकास के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के माध्यम से वित्तीय समावेश और उत्पादकता लाभ: आगे का रास्ता' विषय पर पैनल चर्चा के दौरान, जी20 नेताओं के समर्थन की पृष्ठभूमि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के माध्यम से वित्तीय समावेश और उत्पादकता लाभ को आगे बढ़ाने के लिए जी20 नीति सिफारिशों पर चर्चा की गई।
चर्चा में विभिन्न विचार सामने आये और वैश्विक स्तर पर वित्तीय समावेश और विकास को आगे बढ़ाने के लिए डीपीआई सहित नवीन दृष्टिकोणों का लाभ उठाते हुए आगे बढ़ने के रास्ते विषय पर विचार-विमर्श को बढ़ावा मिला। प्रतिष्ठित विचारकों, नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम में वित्तीय समावेशन के भविष्य को आकार देने की क्षमता वाली बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और रणनीतियों को सामने रखा।