जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज 7वें अंतरसरकारी परामर्श (आईजीसी) के लिए 24 से 26 अक्टूबर तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार 25 अक्टूबर को पीएम मोदी और चांसलर स्कोल्ज़ 7वें अंतरसरकारी परामर्श की सह-अध्यक्षता करेंगे। आईजीसी परामर्श के लिए चांसलर स्कोल्ज के साथ उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री भी होंगे।
सुरक्षा और रक्षा सहयोग समेत इन मुद्दों पर होगी चर्चा
आईजीसी के तहत दोनों पक्षों के मंत्री अपने-अपने जिम्मेदारी वाले क्षेत्रों में चर्चा करते हैं और अपने विचार-विमर्श के नतीजों पर प्रधानमंत्री और चांसलर को रिपोर्ट करते हैं।मंत्रालय के अनुसार दोनों नेता बढ़ते सुरक्षा और रक्षा सहयोग, प्रतिभा की गतिशीलता के अधिक अवसर, गहन आर्थिक सहयोग, हरित और सतत विकास साझेदारी और उभरती व रणनीतिक प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा करने के लिए द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। चर्चाएं महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर भी केंद्रित होंगी।
एक द्विवार्षिक कार्यक्रम
दोनों नेता 25 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित जर्मन बिजनेस के 18वें एशिया प्रशांत सम्मेलन (एपीके 2024) को भी संबोधित करेंगे। एपीके जर्मनी और इंडो-पैसिफिक देशों के व्यापारिक नेताओं, अधिकारियों और राजनीतिक प्रतिनिधियों के लिए एक द्विवार्षिक कार्यक्रम है।इस कार्यक्रम में जर्मनी, भारत और अन्य देशों के लगभग 650 शीर्ष व्यापारिक नेताओं और सीईओ के भाग लेने की उम्मीद है।
चांसलर स्कोल्ज गोवा की भी करेंगे यात्रा
इसके बाद चांसलर स्कोल्ज गोवा की यात्रा करेंगे। यहां जर्मन नौसैनिक युद्धपोत “बाडेन-वुर्टेमबर्ग” और लड़ाकू सहायता जहाज “फ्रैंकफर्ट एम मेन” जर्मनी के इंडो-पैसिफिक तैनाती के हिस्से के रूप में एक निर्धारित बंदरगाह पर पड़ाव डालेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल फरवरी में द्विपक्षीय राजकीय यात्रा और सितंबर में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चांसलर स्कोल्ज ने भारत का दौरा किया था ।