नई दिल्ली में 25 नवंबर को ओबेरॉय होटल में “जीआई एंड बियॉन्ड 2024” शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। वस्त्र मंत्रालय और हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (HEPC) द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम भारत के भौगोलिक संकेत (GI) टैग वाले हाथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसका उद्देश्य इन पारंपरिक उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ावा देना और देश की सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है।
कार्यक्रम के दौरान विदेशी खरीदार, निर्यातक, बहुराष्ट्रीय कंपनियां, नीति निर्माता और जीआई अधिकृत उपयोगकर्ता शामिल होंगे। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय कपड़ा मंत्री मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे साथ ही राज्य कपड़ा मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। इस अवसर पर 10 नए जीआई प्रमाणपत्रों का वितरण किया जाएगा जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने वालों को सम्मानित करेंगे।
इस आयोजन में जीआई टैग वाले उत्पादों की थीम आधारित प्रदर्शनी भी होगी, जिसमें भारत के विभिन्न क्षेत्रों की अद्वितीय शिल्पकला और सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया जाएगा। प्रतिभागी तकनीकी सत्रों में भाग ले सकेंगे, जिनमें उत्पादों की गुणवत्ता और पहचान सुनिश्चित करने, ब्रांडिंग पहल, और इन पारंपरिक उत्पादों को निर्यात बाजार से जोड़ने की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी। इन सत्रों का उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकला और आधुनिक व्यावसायिक तरीकों के बीच एक पुल का निर्माण करना है, जिससे भारत के हाथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिले।
जीआई प्रणाली, जो किसी विशेष क्षेत्र से जुड़े उत्पादों की विशिष्टता को पहचान देती है, पारंपरिक ज्ञान की रक्षा करने और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाती है। यह प्रणाली उत्पादों को संरक्षित कर सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने में सहायक है।