केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गोवा राज्य के 37वें स्थापना दिवस पर गोवा वासियों को बधाई देते हुए कहा कि गोवा समृद्धि विरासत के साथ ग्लोबल टूरिस्टों के लिए एक पंसदीदा स्थान है। इसके साथ ही कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी ने भी गोवा स्थापना दिवस पर शुभकानाएं दीं इस दौरान उन्होंने कहा कि गोवा एक समृद्धि सांस्कृतिक विरासत रखता इसको सुरक्षित हुए हमें गोवा के विकास पर ध्यान देना चाहिए।
बता दें कि गोवा भारत के पश्चिमी तट पर बसा अपने शानदार समुद्र तटों और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। लिहाजा गोवा दुनियाभर के पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र बना रहता है। गोवा करीब चार शताब्दियों से ज्यादा समय तक गोवा पुर्तगाली उपनिवेश बना। 1961 में इसे भारत ने इसे पुर्तगालियों से आजाद करा लिया और दमन और दीव के साथ केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। लेकिन गोवा की यात्रा यहीं खत्म नहीं हुई। बाद में 1987 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया और यह भारतीय संघ का 25वां सदस्य बन गया।
गोवा राज्य दिवस का इतिहास
गोवा के इतिहास में 1510 में एक नाटकीय मोड़ आया। पुर्तगाली सैन्य नेता अल्फोंसो डी अल्बुकर्क ने बीजापुर के आदिल शाह से इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की। इसके साथ ही गोवा में चार शताब्दियों से अधिक समय तक पुर्तगाली शासन की शुरुआत हुई।
भारत सरकार ने गोवा सहित भारत में पुर्तगाली क्षेत्रों को शांतिपूर्ण तरीके से सौंपने की मांग की। हालांकि, पुर्तगाल ने इनकार कर दिया। जवाब में, भारत ने 1961 में ऑपरेशन विजय शुरू किया, जिसके तहत गोवा, दमन और दीव को सफलतापूर्वक भारतीय मुख्य भूमि में शामिल कर लिया गया। इस निर्णायक कार्रवाई ने गोवा से पुर्तगाली शासन को समाप्त कर दिया।
30 मई, 1987 को गोवा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय शुरू हुआ। पूर्व केंद्र शासित प्रदेश को अलग कर दिया गया और गोवा को आधिकारिक तौर पर भारत का 25वां राज्य घोषित किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर गोवा का भारत गणराज्य में पूर्ण एकीकरण हुआ।
नवगठित राज्य ने पणजी को अपनी राजधानी के रूप में भी नामित किया। इसके अतिरिक्त, स्थानीय भाषा कोंकणी को गोवा की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में तब से हर साल 30 मई को गोवा राज्य दिवस गर्व के साथ मनाया जाता है।