सरकार ने पिछले पांच वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर (फिजिकल, डिजिटल और सोशल) पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है और अब इन प्रयासों को पूरी ताकत से पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए देश में लागू करने की आवश्यकता है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में दी गई।
इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अधिक निवेश करने की आवश्यकता
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए सर्वेक्षण में कहा गया, “भारत की विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अगले दशक में इन्फ्रास्ट्रक्चर में अधिक निवेश की आवश्यकता है। हालांकि, आवश्यक व्यय के अनुमान पैमाने में भिन्न हैं, लेकिन आम सहमति है कि इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च को बढ़ाने की आवश्यकता है।”
इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड के लिए केवल पब्लिक कैपिटल पर्याप्त नहीं
वित्त वर्ष 2024-25 में चुनावों के बाद पूंजीगत खर्च में वृद्धि हुई है। सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की गति को जारी रखने के महत्व और सस्टेनेबल कंस्ट्रक्शन प्रैक्टिस को बढ़ावा देने की बढ़ती आवश्यकता को पहचाना है। सर्वेक्षण में कहा गया कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड के लिए केवल पब्लिक कैपिटल पर्याप्त नहीं है। यह दिखाता है कि निजी सेक्टर को भी इन्फ्रास्ट्रक्चर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत में विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अगले दशक में इन्फ्रास्ट्रक्चर में पर्याप्त निवेश की आवश्यकता है। देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूंजीगत खर्च को वित्त वर्ष 20 से लेकर वित्त वर्ष 24 में 38.8 प्रतिशत की दर से बढ़ाया है।
सरकार की ओर से इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश आकर्षित करने के लिए इनोवेटिव फ्रेमवर्क को अपनाया जा रहा
नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) को एक दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ लॉन्च किया गया था, जिसका लक्ष्य वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 25 तक लगभग 111 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश को टारगेट करना है। मौजूदा समय में इसमें 37 सब-सेक्टर्स के 9,766 प्रोजेक्ट्स हैं। इन प्रोजेक्ट्स को इंटीग्रेटेड इंडिया इन्वेस्टमेंट ग्रिड (एनआईपी- प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप) पोर्टल द्वारा ट्रैक और रिव्यू किया जाता है। सरकार की ओर से इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश आकर्षित इनोवेटिव फ्रेमवर्क को अपनाया जा रहा है। (इनपुट-आईएएनएस)