प्रतिक्रिया | Friday, November 22, 2024

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GST के 7 साल पूरे, वित्त मंत्रालय ने ‘सशक्त व्यापार समग्र विकास’ थीम के साथ इस सफर को किया याद 

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के 7 वर्ष पूरे हो गए हैं। मोदी 1.0 सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 को इसे लागू किया गया था। करीब 17 सालों की लंबी चर्चा के बाद देश ने आजादी का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म देखा। 1 जुलाई 2017 को जीएसटी ने एक देश, एक टैक्स, एक बाजार का सपना साकार किया। गुड्स एंड सिंपल टैक्स के रूप में शुरू हुए इस सफर ने अब सात साल पूरे कर लिए हैं।   

इस अवसर पर वित्त मंत्रालय ने ”सशक्त कारोबार समग्र विकास” थीम के साथ सात साल के इस सफर को याद किया है। जब जीएसटी को देश में लागू किया गया तो अधिकारी से लेकर कारोबारी तक सभी इसके परिणाम को लेकर सशंकित थे लेकिन समय के साथ हालात बेहतर होते गए और जीएसटी से कारोबारियों की दिक्कतें काफी हद तक कम हो गई। 

जी हां, जीएसटी से न केवल टैक्स और उनकी दरें आसान हुई बल्कि टैक्स चोरी पर भी लगाम लगी और सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी भी हुई। जीएसटी से कारोबारियों की दिक्कतें कम हुईं और व्यापार आसान हुआ। 

दरअसल, जीएसटी लागू होने से पहले देशभर के तमाम राज्यों की सीमाओं पर ट्रकों की लंबी लाइनें लगी रहती थी। टैक्स चोरी रोकने का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं था। चुंगी और व्यापार कर चौकियां भ्रष्टाचार का केंद्र बनी हुई थी। ट्रांजेक्शन में भी देरी होती थी। मल्टीपल टैक्सिंग की वजह से चीजें महंगी थी। पंजीकृत व्यापारियों की तादाद कम थी इसलिए सरकार को राजस्व का नुकसान होता था। 

जीएसटी के लिए चार विधेयक किए गए थे पारित 

जीएसटी लागू कराने के लिए संसद के दोनों सदनों से चार विधेयक पारित किए गए। ये विधेयक थे…

1. केंद्रीय वस्तु और सेवा कर विधेयक 2017
2. एकीकृत वस्तु और सेवा कर विधेयक 2017 
3. केंद्र शासित प्रदेश वस्तु और सेवा कर विधेयक 2017
4. वस्तु और सेवा कर (राज्यों को मुआवजा) विधेयक 2017

इन्हें सबसे पहले लोकसभा ने पारित किया और फिर राज्यसभा ने इन्हें आम सहमति से लोकसभा को वापस लौटा दिया। दरअसल, 101वां संविधान संशोधन एक्ट केंद्र और राज्य दोनों को जीएसटी लगाने की अनुमति देता है। 2016 के संशोधन से पहले कर वसूलने की शक्ति केंद्र और राज्यों के बीच विभाजित थी। संविधान संशोधन के बाद सारे अप्रत्यक्ष करों के बदले जीएसटी लागू करने की राह खुल गई। 

जीएसटी की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगता है कि इसके लागू होने के बाद एक साल के भीतर ही जून 2018 तक करीब एक करोड़ 12 लाख 45 हजार से ज्यादा कारोबारियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। वहीं जून 2019 में रजिस्टर्ड कारोबारियों की संख्या बढ़कर 1 करोड़ 22 लाख 90 हजार से ज्यादा हो गई। साल दर साल बढ़ता यह आंकड़ा अब तक (मई 2024) करीब 1.50 करोड़ तक पहुंच गया है। 

देश में कारोबार करना हुआ आसान

जीएसटी लागू होने से जहां देश में कारोबार करना आसान हुआ वहीं इससे छोटे बड़े सभी कारोबारी लाभान्वित हुए हैं। जीएसटी लागू होने का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि देश के सभी राज्यों में कर की दर एक हो गई। वहीं जीएसटी के तहत कारोबारियों की संख्या में डेढ़ गुना का इजाफा हुआ है। चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-जून) में अब तक ग्रॉस गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कलेक्शन 5.57 लाख करोड़ रुपये रहा। 

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आखरी अपडेट: 22nd Nov 2024