प्रतिक्रिया | Thursday, September 19, 2024

 

 

उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्संग में हुए हादसे के बाद जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 119 लोगों के बयान दर्ज किए हैं और मंगलवार को रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्संग का आयोजन करने वाली समिति ही परमिशन से अधिक लोगों को आमंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है।

 

करीब 300 पन्नों की रिपोर्ट में मृतक और घायल श्रद्धालुओं के परिजनों समेत 119 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। एसआईटी ने सत्संग की अनुमति देने वाले डीएम हाथरस आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल, एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ के साथ ही 2 जुलाई को हुए सत्संग के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए। इस मौके पर एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी मौजूद थीं। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि धार्मिक आयोजन सत्संग के आयोजन के लिए जिम्मेदार समिति ही भगदड़ की घटना के लिए जिम्मेदार है। रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है।

चश्मदीदों ने दिया बयान
इससे पहले सोमवार को घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया कि बड़ी संख्या में भक्तों द्वारा “बाबा के चरण धूल” (भगवान के पैरों से मिट्टी) इकट्ठा करने की कोशिश के कारण भगदड़ मची। मुगलगढ़ी गांव के सुधीर प्रताप सिंह ने कहा, “यह घटना तब हुई जब ‘बाबा’ ने घोषणा की कि भक्तों को उनके पैरों के आस-पास से मिट्टी लेनी चाहिए। भक्त जल्दबाजी में मिट्टी इकट्ठा करने के लिए दौड़े, लेकिन वे गिरने लगे और ढेर लगने लगे।” उन्होंने आगे कहा, “भगदड़ के बीच बाबा का काफिला मौके से चला गया। केवल स्थानीय लोगों और प्रशासन ने वहां मौजूद भक्तों की मदद की।”

बाबा के वकील ने क्या किया दावा
उत्तर प्रदेश न्यायिक आयोग की टीम ने हाथरस भगदड़ मामले में कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए। इस बीच, बाबा के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि यह दुर्घटना अज्ञात लोगों द्वारा की गई, जिन्होंने कार्यक्रम के दौरान जहर छिड़का था। सिंह ने दावा किया कि भगदड़ मचाने के बाद साजिशकर्ताओं का समूह कार्यक्रम स्थल से भाग गया। वकील ने कहा, “सत्संग में भगदड़ की घटना एक दुर्घटना नहीं बल्कि एक साजिश थी।” यह घटना 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलारी गांव में स्वयंभू बाबा सूरज पाल उर्फ ​​’भोले बाबा’ के धार्मिक ‘सत्संग’ कार्यक्रम में हुई।

मुख्य आरोपी ने कोर्ट में क्या कहा
उधर हाथरस भगदड़ की घटना के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को शनिवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। कोर्ट ने पूछा कि क्या उसके पास कार्यक्रम के लिए लिखित अनुमति थी और यह किससे प्राप्त की गई थी। मधुकर ने जवाब दिया कि उसे 80,000 लोगों की भीड़ के लिए एसडीएम से अनुमति मिली थी। जब पूछा गया कि क्या कार्यक्रम का प्रचार किया गया था, तो मधुकर ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
इससे पहले मधुकर फरार था और उसकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। आखिरकार उसे 5 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, इसके अलावा दो अन्य आरोपियों रामप्रकाश शाक्य और संजू यादव को भी गिरफ्तार किया गया।

इससे पहले 6 जुलाई को ‘भोले बाबा’ ने एक वीडियो बयान में कहा था कि “अराजकता फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”

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आखरी अपडेट: 19th Sep 2024