दिल्ली में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों से जुड़ी खबर है जिससे बच्चों को स्कूलों में दाखिले, अस्पताल और दूसरे सरकारी लाभ मुहैया कराने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने दिल्ली के अलग-अलग हिस्से में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।
कोर्ट ने दिल्ली में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की मांगी पूरी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से उनके रहने का पता, घर का नंबर, उनकी स्थिति और आवास के प्रमाणपत्र की जानकारी उपलब्ध करवाने की बात कही है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए 10 दिन का समय दिया है।
रोहिंग्या ह्यूमन राइट्स इनीशिएटिव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की
रोहिंग्या ह्यूमन राइट्स इनीशिएटिव नाम की संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा, इन रोहिंग्या शरणार्थियों के पास यूएनएचसीआर का कार्ड है। इससे पहले एक अन्य मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि शिक्षा को लेकर रोहिंग्या शरणार्थियों से कोई भेदभाव नहीं होगा।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमारा भी मानना है कि जहां तक शिक्षा का सवाल है, किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। लेकिन हम यह जानकारी इसलिए मांग रहे हैं ताकि हम जान सकें कि ऐसे रोहिंग्या शरणार्थी कहां रह रहे हैं और किस हाल में रह रहे हैं। जब यह जानकारी हमारे सामने होगी तब हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है और उनको ये जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाने का क्या प्रभावी तरीका हो सकता है।