प्रतिक्रिया | Monday, November 18, 2024

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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई कड़ी फटकार

पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों और पुलिस पर हुए हमले को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए इस हमले को राज्य की बड़ी नाकामी बताया है। कोर्ट ने कहा जब पुलिस वाले ही सुरक्षित नहीं हैं तो डॉक्टर भयमुक्त होकर कैसे काम करेंगे। 

कोर्ट ने कहा- अस्पताल को बंद किया जाए और मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जाए

कोर्ट ने यह भी कहा कि बेहतर होगा कि अस्पताल को बंद किया जाए और मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जाए। वहीं इस दौरान राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि घटना के वक्त वहां पुलिस मौजूद थी। इस पर अदालत ने कहा कि इसके बावजूद वो अपने ही लोगों को नहीं बचा पाई। आखिर ये डॉक्टर बिना डर के कैसे काम करेंगे। 

मेडिकल संस्थानों को स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश, स्वास्थ्यकर्मी पर हमले पर 6 घंटे में कराए FIR 

उधर, दूसरी ओर डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जी हां, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर अहम दिशा निर्देश जारी किए हैं। 

स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना पर तुरंत लेना होगा एक्शन

दिशा निर्देश में कहा गया है कि ड्यूटी पर तैनात किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ हिंसा की घटना में अधिकतम 6 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज करानी होगी। यह जिम्मेदारी संस्थान प्रमुख की होगी और वो इस समय सीमा के भीतर एफआईआर दर्ज कराए। 

ज्ञात हो, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पिछले सप्ताह एक महिला डॉक्टर के साथ हुए कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन हो रहा था। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान बुधवार रात को अस्पताल के आपातकालीन विभाग में हमला किया गया। हमले के दौरान आरोप है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने डॉक्टरों पर हमला किया और पुलिस पर भी हमला किया गया। इस दौरान सीसीटीवी कैमरे, कुर्सियां, टेबल और दरवाजे सहित कई जरूरी चिकित्सा उपकरणों को तोड़ दिया गया। हालांकि, पुलिस के अनुसार, जिस कमरे में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना हुई थी, वहां कोई नहीं पहुंच पाया और वह कमरा पूरी तरह सुरक्षित है।

फिलहाल पुलिस ने इस हमले के संबंध में तीन मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें तोड़फोड़, सरकारी संपत्ति का नुकसान और आर्म्स एक्ट के तहत मामले शामिल हैं। हालांकि, अस्पताल प्रशासन की ओर से अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल खुद पूछताछ की प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।

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आखरी अपडेट: 18th Nov 2024