प्रतिक्रिया | Saturday, July 27, 2024

गिनीज बुक में स्थान पाकर हिन्दी साहित्य भारती ने बनाया विश्व कीर्तिमान

 

 

हिन्दी साहित्य भारती ने गिनीज बुक में स्थान पाकर विश्व कीर्तिमान बनाया है। हिंदी साहित्य भारती द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय कार्यक्रम के शीर्षक “सब में राम शाश्वत श्रीराम, भारतीय संस्कृति के वैश्विक आयाम” के अंतर्गत गिनीज़ बुक में चीन द्वारा बनाए गए कीर्तिमान को ध्वस्त करते हुए में अपना नाम दर्ज कराकर विश्व कीर्तिमान बनाया। इस बात की जानकारी पूर्व शिक्षा मंत्री एवं हिन्दी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर रवींद्र शुक्ल ने विस्तृत जानकारी दी।

विश्व कल्याण की दिशा में सतत गतिमान
उन्होंने बताया कि आगे बहुत सारे और भी काम गिनीज बुक में दर्ज होंगे। हिंदी साहित्य भारती का मुख्य उद्देश्य है “मानव बन जाए जग सारा यह पावन संकल्प हमारा” के पावन लक्ष्य को लेकर हमारे पुरातन ऋषियों ने “ कृण्वन्तो विश्वम् आर्यम्” अर्थात् विश्व को श्रेष्ट बनाओ का नारा देकर संपूर्ण विश्व के कल्याण की कल्पना की थी। हिंदी साहित्य भारती ने भी उन अपने पूर्वजों के इस ध्येय को सामने रखकर ये संकल्प लिया है “मानव बन जाए जग सारा यह पवन संकल्प हमारा”।
हिंदी साहित्य भारती का मानना है कि एकमात्र भारतीय चिंतनधरा ही दुनिया को शांति के मार्ग पर ला सकती है। इसी चेतना को ह्रदय में रखकर हिंदी साहित्य भारती विश्व कल्याण की दिशा में सतत गतिमान है।

36 देशों में कार्य कर रही हिन्दी साहित्य भारती
हिन्दी साहित्य भारती वैश्विक स्तर पर 36 देशों में कार्य कर रही है। भारत के प्रत्येक प्रदेश एवं अनेकों जिलों में अपने टीम का गठन कर चुकी है एवं हिन्दी के समग्र उत्थान एवं प्रसार हेतु सतत सक्रिय है। हिन्दी को आठवीं अनुसूची में हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने हेतु संघर्षरत है।

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आखरी अपडेट: 27th Jul 2024