प्रतिक्रिया | Wednesday, January 22, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

आईजीएनसीए में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत समारोह का आयोजन, पंडित विद्याधर व्यास ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के कलादर्शन विभाग ने आज गुरुवार को अपनी प्रतिष्ठित श्रृंखला ‘मास्टर्स ऑफ हिन्दुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक’ के अंतर्गत एक आकर्षक संगीत समारोह का आयोजन किया। इसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत में प्रसिद्ध पंडित विद्याधर व्यास ने अपने गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने गायन का समापन भक्त कवि सूरदास की कालजयी रचना “उधौ कर्मन की गति न्यारी” से किया। इससे पूर्व कला दर्शन विभाग द्वारा शास्त्रीय संगीत के तीन महारथियों के गायन और साक्षात्कार के ऑडियो-विजुअल पेन ड्राइव का लोकार्पण ‘ग्रेट मास्टर्स सीरीज’ के अंतर्गत किया गया। ये तीन महान कलाकार हैं- पं. राजशेखर मंसूर, पं विद्याधर व्यास और ‘पद्मश्री’ विदुषी सुमित्रा गुहा।

इन महत्त्वपूर्ण सीरीज के लोकार्पण पर आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा, “हमारा ये प्रयास होता है कि हम अधिक से अधिक लोगों तक भारतीय कला और संस्कृति की वो अवधारणा प्रस्तुत कर सकें, जिसके कारण आज पूरा भारतीय समाज अपनी पूरी गरिमा के साथ विश्व के सामने खड़ा होता है।” डॉ. जोशी ने इस बात के लिए खेद भी जताया कि तमाम प्रयासों के बावजूद, पं. राजशेखर मंसूर के जीवनकाल में इस महत्त्वपूर्ण ऑडियो-विजुअल पेन ड्राइव को नहीं लाया जा सका।

इससे पूर्व आईजीएनसीए के कलादर्शन विभाग के वार्षिकोत्सव के अवसर पर एक भव्य पेंटिंग प्रदर्शनी ‘मार्तंड सूर्य मंदिर’ का उद्घाटन पद्मश्री दया प्रकाश सिन्हा ने किया। इस अवसर पर आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। कला दर्शन विभाग की प्रमुख प्रो. ऋचा कम्बोज ने अतिथियों का स्वागत किया।

वार्षिकोत्सव के पहले दिन असम के फोक और ट्राइबल समूह ‘नटराज गोष्ठी’ ने असम के प्रसिद्ध लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। मुकुट बोरा और उनके समूह ने अपने प्रदर्शन से दर्शकों को सम्मोहित कर दिया। यह प्रदर्शन असम की लोक परंपराओं और आदिवासी कलात्मकता को जीवंत कर देने वाला था। वार्षिकोत्सव के

पद्मश्री विदुषी सुमित्रा गुहा ने मनमोहक शास्त्रीय गायन से बांधी समां

दूसरे दिन पद्मश्री विदुषी सुमित्रा गुहा ने अपने मनमोहक शास्त्रीय गायन से समां बांध दिया। उनकी मधुर आवाज और भावपूर्ण गायन से श्रोता विभोर हो उठे। यह कार्यक्रम भारतीय शास्त्रीय संगीत की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए आईजीएनसीए की निरंतर प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

आगंतुकों: 15458734
आखरी अपडेट: 22nd Jan 2025