केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन पर जमकर निशाना साधा और इसे ‘विनाशकारी ताकत’ की संज्ञा दी। धुले में चुनावी रैली के दौरान अमित शाह ने भाजपा नीत महायुति गठबंधन की तुलना MVA से करते हुए कहा कि MVA विकास के बजाय विनाश का प्रतीक है, जबकि महायुति विकास को बढ़ावा देने वाली शक्ति है। अमित शाह ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आपको यह तय करना है कि आप उन लोगों को सत्ता में लाना चाहते हैं जो विकास को बढ़ावा देते हैं या उन लोगों को जो विनाश लाते हैं। उन्होंने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल (2004-2014) के दौरान महाराष्ट्र को पर्याप्त फंड नहीं मिले थे।
गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में केंद्र ने महाराष्ट्र को केवल 1.51 लाख करोड़ रुपये दिए। लेकिन 2014 के बाद, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राज्य को 10.15 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके साथ ही शाह ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की उपलब्धियों का भी प्रचार किया। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अब एक समृद्ध और सुरक्षित देश बन चुका है और देश वैश्विक आर्थिक रैंकिंग में 11वें स्थान से बढ़कर पांचवे स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा “2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।”
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए वादे ठोस और अपरिवर्तनीय हैं : गृहमंत्री
केंद्रीय गृहमंत्री ने MVA नेताओं द्वारा किए गए वादों पर भी निशाना साधते हुए उन्हें झूठा और अविश्वसनीय बताया। गृहमंत्री ने कहा कि हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि केवल पूरा किए जा सकने वाले वादे किए जाने चाहिए लेकिन कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में कांग्रेस सरकारें अपने वादे पूरे करने में असफल रही हैं वहीं, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए वादे ठोस और अपरिवर्तनीय हैं।”
शाह ने राम मंदिर मुद्दे पर भी MVA को घेरते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दशकों तक राम मंदिर के मुद्दे को लटकाए रखा और विलंब की नीति अपनाई। पीएम मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने राम मंदिर को हकीकत में बदला और पहली बार 550 वर्षों में राम लला ने अयोध्या में दिवाली मनाई।
गौरतलब है कि 288 सीटों के लिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे और मतगणना 23 नवंबर को होगी। इस चुनाव में भाजपा नीत महायुति गठबंधन जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी शामिल हैं, जबकि दूसरी ओर महा विकास अघाड़ी गठबंधन है जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी शामिल हैं।