प्रतिक्रिया | Wednesday, April 02, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि ”नक्सलवाद मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत ने वामपंथी उग्रवाद से अति प्रभावित जिलों की संख्या 12 से घटाकर 6 कर एक नया मील का पत्थर हासिल किया है।” 

भारत नक्सलवाद मुक्त होने के लक्ष्य के करीब

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक पोस्ट में, केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर रोशनी डालते हुए और सभी क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए देश की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा, “मोदी सरकार सर्वव्यापी विकास के लिए अथक प्रयासों और नक्सलवाद के खिलाफ दृढ़ रुख के साथ सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध भारत बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। हम 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” 

नक्सलवाद से प्रभावित जिलों की कुल संख्या पहले थी 38 

गृह मंत्रालय के अनुसार, भारत में नक्सलवाद से प्रभावित जिलों की कुल संख्या पहले 38 थी। इनमें से, “सबसे अधिक प्रभावित” जिलों की संख्या अब घटकर 6 हो गई है, साथ ही “चिंता के जिलों” और “अन्य वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों” की संख्या में भी समानांतर कमी आई है। नक्सलवाद से सबसे अधिक प्रभावित छह जिलों में अब छत्तीसगढ़ (बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर और सुकमा) के चार, झारखंड (पश्चिमी सिंहभूम) का एक और महाराष्ट्र (गढ़चिरौली) का एक जिला शामिल है। इसके अतिरिक्त, “चिंता के जिलों” की संख्या, जिन्हें गहन संसाधनों और ध्यान की आवश्यकता है, 9 से घटाकर 6 कर दी गई है। ये जिले आंध्र प्रदेश (अल्लूरी सीताराम राजू), मध्य प्रदेश (बालाघाट), ओडिशा (कालाहांडी, कंधमाल और मलकानगिरी) और तेलंगाना (भद्राद्री-कोठागुडेम) में स्थित हैं। 

केंद्र सरकार इन जिलों को प्रदान कर रही वित्तीय सहायता 

“अन्य वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों” की संख्या, जो नक्सली गतिविधि का भी सामना कर रहे हैं, लेकिन कम हद तक, 17 से घटकर 6 हो गई है। इनमें छत्तीसगढ़ (दंतेवाड़ा, गरियाबंद और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी), झारखंड (लातेहार), ओडिशा (नुआपाड़ा) और तेलंगाना (मुलुगु) के जिले शामिल हैं। इन जिलों को उनके पुनर्निर्माण और विकास में सहायता करने के लिए, केंद्र सरकार विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करती है। सबसे अधिक प्रभावित जिलों को 30 करोड़ रुपये मिलते हैं, जबकि सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में अंतराल को भरने के लिए चिंता वाले जिलों को 10 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं। इन क्षेत्रों की जरूरतों के अनुरूप विशेष परियोजनाओं को भी सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।

31 मार्च 2026 से पहले देश से नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य

याद हो, सुरक्षा बलों ने 09 फरवरी 2025 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 31 नक्सलियों को मार गिराया था। इस पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इसे नक्सल मुक्त भारत बनाने की दिशा में सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता बताते हुए यह संकल्प दोहराया था कि 31 मार्च 2026 से पहले हम देश से नक्सलवाद को जड़ से समाप्त कर देंगे, ताकि देश के किसी भी नागरिक को इसके कारण अपनी जान न गंवानी पड़े।

नक्सलवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में नक्सलवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के चलते वर्ष 2025 में अब तक केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ों में कम से कम 130 नक्सली मारे गए हैं। इनमें से 110 से ज्यादा बस्तर संभाग में मारे गए, जिसमें बीजापुर और कांकेर समेत सात जिले शामिल हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से 105 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 2025 में अब तक 164 ने आत्मसमर्पण कर दिया है। वहीं इससे पहले वर्ष 2024 में 290 नक्सलियों को न्यूट्रलाइज़ किया गया था, 1090 को गिरफ्तार किया गया और 881 ने आत्मसमर्पण किया था। अभी तक कुल 15 शीर्ष नक्सली नेताओं को न्यूट्रलाइज़ किया जा चुका है। 

2014 से 2024 के बीच हिंसक घटनाओं की संख्या में आई कमी

वर्ष 2004 से 2014 के बीच नक्सली हिंसा की कुल 16,463 घटनाएं हुई थीं, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2024 के बीच हिंसक घटनाओं की संख्या 53 प्रतिशत घटकर 7,744 रह गई हैं। इसी प्रकार, सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या 1851 से 73 प्रतिशत घटकर 509 रह गई और नागरिकों की मृत्यु की संख्या 70 प्रतिशत की कमी के साथ 4766 से 1495 रह गई है। 

वर्ष 2014 तक कुल 66 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन थे जबकि मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में इनकी संख्या बढ़कर 612 हो गई है। इसी प्रकार, 2014 में देश में 126 ज़िले नक्सलप्रभावित थे, लेकिन 2024 में सबसे अधिक प्रभावित ज़िलों की संख्या घटकर मात्र 12 रह गई है। पिछले 5 वर्षों में कुल 302 नए सुरक्षा कैंप और 68 नाइट लैंडिंग हेलीपैड्स बनाए गए हैं।

आगंतुकों: 22000477
आखरी अपडेट: 2nd Apr 2025