प्रतिक्रिया | Monday, November 18, 2024

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गृह मंत्रालय की अपील, विचाराधीन कैदियों को राहत देने के लिए लागू करें बीएनएसस 2023 की धारा 479

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि वे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की धारा 479 को जल्द से जल्द लागू करें, ताकि विचाराधीन कैदियों, विशेष तौर से पहली बार अपराध करने वालों को राहत दिया जा सके। इस धारा के तहत, ऐसे कैदियों को जमानत पर रिहा किया जा सकता है जिन्होंने जेल में काफी समय बिता लिया है।

BNSS की धारा 479, जो 1 जुलाई 2023 से लागू हुई है इसके मुताबिक जिन कैदियों ने अपने अपराध के लिए तय अधिकतम सजा के आधे समय तक जेल में समय बिता लिया है, वे जमानत के पात्र होंगे। वहीं पहली बार अपराध करने वालों के लिए यह अवधि घटाकर एक-तिहाई कर दी गई है। गृह मंत्रालय ने जेल अधिकारियों से अपील की है कि वे ऐसे पात्र कैदियों की जमानत के लिए आवेदन और राष्ट्रीय ई-प्रिजन्स पोर्टल का उपयोग कर उनकी निगरानी करें।

हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक यह प्रावधान सभी विचाराधीन मामलों पर लागू होगा। MHA ने जेल अधीक्षकों से कहा है कि वे समय पूरा करने वाले कैदियों के लिए तुरंत जमानत का आवेदन करें ताकि उनकी समय पर रिहाई सुनिश्चित हो सके। यह कदम देशभर में जेलों पर दबाव कम करने में मददगार साबित होगा।

इसके अलावा, सलाह में “गरीब कैदियों को समर्थन” योजना का भी जिक्र किया गया, जो आर्थिक रूप से कमजोर कैदियों को जमानत दिलाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। मुख्य सचिवों और जेल प्रमुखों को दिए संदेश में गृह मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि इन नए प्रावधानों को सक्रिय रूप से लागू किया जाना चाहिए ताकि विचाराधीन कैदियों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान हो सके। ई-प्रिजन्स पोर्टल और पात्र कैदियों की मदद से यह पहल जेल सुधार और न्याय प्रणाली को अधिक मानवीय और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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आखरी अपडेट: 19th Nov 2024