प्रतिक्रिया | Saturday, October 12, 2024

एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय (HQ IDS) सोमवार से नई दिल्ली के यूएसआई में तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए एक संयुक्त परिचालन समीक्षा और मूल्यांकन (CORE) कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। पांच दिनों तक चलने वाला यह विकास सह परिचय कार्यक्रम तीनों सेनाओं के मेजर जनरल और समकक्ष अधिकारियों के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के लिए बनाया किया गया है। कोर कार्यक्रम का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण को बढ़ावा देना और युद्ध परिचालन वातावरण की विस्तृत समझ बनाने के लिए विभिन्न सेनाओं के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ाना है। इसमें प्रति दिन अलग-अलग विषयों पर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा पैनल चर्चा और व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय 9 से 13 सितंबर 2024 तक नई दिल्ली के यूएसआई में तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए एक संयुक्त परिचालन समीक्षा और मूल्यांकन (CORE) कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम की अवधारणा भारतीय सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों को भविष्य की नेतृत्व भूमिकाओं के लिए तैयार करने के लिए की गई है, जिसमें रणनीतिक योजना बनाने, भविष्य के खतरों, चुनौतियों और संघर्षों का उचित अनुमान लगाने और उससे निपटने की तैयारी करने के लिए कौशल विकसित करना शामिल है।

गौरतलब है कि भविष्य के युद्धों का प्रभावी संचालन तीन महत्वपूर्ण तत्वों पर निर्भर करेगा, जिनमें शामिल हैं- सैन्य नेतृत्व, लड़ाके (मानव-मशीन इंटरफेस) और सहयोगी। भारतीय सशस्त्र बल अवधारणा और स्टॉक दोनों में आधुनिकीकरण की दिशा में तेजी से कदम उठा रहे हैं। इसलिए, भविष्य के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व के लिए यह अनिवार्य है कि वे बदलते भू-राजनीतिक हालात और भविष्य के युद्ध परिदृश्यों के साथ-साथ विघटनकारी प्रौद्योगिकियों और उन्नति के हिसाब से व्यापक निर्णय लेने में सक्षम रहें।

मंत्रालय ने बताया कि इस कार्यक्रम में 30 प्रख्यात वक्ताओं और विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों की पैनल चर्चा और व्याख्यान शामिल होंगे, जो प्रत्येक दिन एक अलग विषय पर आधारित होंगे। युद्ध की बदलती प्रकृति, वैश्वीकरण और परस्पर जुड़ाव, दुनिया में हाल ही में चल रहे संघर्षों से सबक, गैर-गतिज युद्ध का प्रभाव, साइबर एवं सूचना युद्ध और सेना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा स्वायत्त प्रणालियों को अपनाना कुछ ऐसे विषय हैं जिन पर इस कार्यक्रम में चर्चा की जाएगी।

 

कॉपीराइट © 2024 न्यूज़ ऑन एयर। सर्वाधिकार सुरक्षित
आगंतुकों: 9420017
आखरी अपडेट: 12th Oct 2024