प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामायण और महाभारत का अरबी भाषा में अनुवाद और प्रकाशन करने के लिए अब्दुल्ला अल-बरून और अब्दुल लतीफ अल-नसेफ की प्रशंसा की है। पीएम मोदी ने एक्स पर कहा मुझे रामायण और महाभारत के अरबी अनुवाद देखकर बहुत खुशी हुई। मैं अब्दुल्ला अल-बरून और अब्दुल लतीफ अल-नसेफ की उनके अनुवाद और प्रकाशन के प्रयासों की सराहना करता हूँ।
अब्दुल्ला अल बैरन ने रामायण और महाभारत दोनों का अरबी में अनुवाद किया है
आपको बता दें प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कुवैत में अब्दुल्ला अल बैरन और अब्दुल लतीफ अल नेसफ से मुलाकात की। अब्दुल्ला अल बैरन ने रामायण और महाभारत दोनों का अरबी में अनुवाद किया है। अब्दुल लतीफ अल नेसफ ने रामायण और महाभारत के अरबी संस्करण प्रकाशित किए हैं।
पीएम मोदी ने की सराहना
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मुझे रामायण और महाभारत के अरबी अनुवाद देखकर बहुत खुशी हुई। मैं अब्दुल्ला अल-बरून और अब्दुल लतीफ अल-नसेफ की उनके अनुवाद और प्रकाशन के प्रयासों की सराहना करता हूँ। उनके प्रयास वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति की उत्कृष्टता को उजागर करते हैं।”
पीएम मोदी कुवैत में 101 वर्षीय आईएफएस के पूर्व अधिकारी से भी मिले
कल कुवैत में प्रधानमंत्री मोदी से गर्मजोशी से मिलने वालों में 101 वर्षीय मंगल सेन हांडा भी शामिल थे, जो भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के पूर्व अधिकारी हैं। वे अब कुवैत में रहते हैं और लगभग चार दशक पहले रिटायर्ड हुए थे। वह कुवैत, यूनाइटेड किंगडम, इराक, चीन, अर्जेंटीना और कंबोडिया में सेवा दे चुके हैं। पीएम मोदी ने न केवल हांडा के साथ अभिवादन किया, बल्कि उनके परिवार के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं।
आईएफएस अधिकारी की नातिन श्रेया जुनेजा ने पीएम मोदी से अनुरोध किया था
दरअसल पूर्व आईएफएस अधिकारी की नातिन श्रेया जुनेजा ने पीएम मोदी से अनुरोध किया था कि वह कुवैत यात्रा के दौरान उनके 101 वर्षीय दादा से मुलाकात करें।जुनेजा के अनुरोध को स्वीकार करते हुए, पीएम मोदी ने एक्स पर संदेश दिया, “बिल्कुल! मैं आज कुवैत में मंगल सैन हांडा जी से मिलने के लिए उत्सुक हूं।” श्रेया को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने की पूरी उम्मीद नहीं थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी, [जो विदेश यात्राओं के दौरान भारतीय प्रवासियों के मुलाकात करना पसंद करते हैं], से मिले जवाब ने उन्हें बेहद खुश कर दिया।
वहीं, जुनेजा ने एक्स पर कहा, “आपसे प्रतिक्रिया पाना हमारे लिए सम्मान की बात है, सर! आपने एक बार फिर हमारा दिल जीत लिया है। नानाजी मंगल सैन हांडा बहुत खुश हैं और उनकी मुस्कान हमारे लिए बहुत मायने रखती है। हम इस दयालु व्यवहार के लिए बहुत आभारी हैं।”
कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समूह, भारतीय समुदाय, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।