भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) के 10वें संस्करण का आगाज शनिवार को आईआईटी गुवाहाटी में हुआ और यह 4 दिसंबर तक चलेगा। इस वर्ष का थीम “भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना” रखा गया है। यह महोत्सव भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है, सहयोग को बढ़ावा देता है, और युवा प्रतिभाओं को नवाचार के लिए प्रेरित करता है।
गौरतलब है कि इस साल का महोत्सव वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की अगुवाई में आयोजित हो रहा है, जिसमें राष्ट्रीय अंतर्विभागीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (CSIR-NIIST) इसका समन्वय कर रहा है। IISF की शुरुआत 2015 में हुई थी, और यह विज्ञान के साथ समाज को जोड़ने के लिए एक अनोखा मंच है, जो पेशेवरों और आम जनता दोनों के लिए गतिविधियां प्रदान करता है। यह पहली बार है जब यह महोत्सव भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में आयोजित हो रहा है।
इस महोत्सव के प्रमुख आकर्षणों में “चंद्रयान – म्यूजियम ऑफ द मून” शामिल है, जो भारत के चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाने वाला एक कलात्मक चंद्र मॉडल है। इसके अलावा, एक मेगा विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसमें STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) क्षेत्रों में अत्याधुनिक नवाचारों को दिखाया गया है। अन्य प्रमुख कार्यक्रमों में “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” फोरम, महिला वैज्ञानिकों के लिए “वूमेन इन STEM” कॉन्क्लेव, स्टार्ट-अप शोकेस, और उत्तर-पूर्व सांस्कृतिक उत्सव शामिल हैं, जो इस क्षेत्र की परंपराओं और विरासत को उजागर करता है।
यह महोत्सव विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, विज्ञान भारती और विभिन्न सरकारी एवं निजी संस्थानों के सहयोग से आयोजित किया गया है। इसमें भाग लेना पूरी तरह से निःशुल्क है, जिससे आम जनता भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों और नवाचारों से जुड़ सकती है। अधिक जानकारी के लिए www.iisf2024.in पर जाएं।