पहलगाम आतंकी हमले का असर पर्यटन उद्योग पर पड़ने लगा है। बड़ी संख्या में सैलानियों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी हैं, जिसके कारण होटलों के कमरे खाली पड़े हैं। टूर और ट्रैवल व्यवसायी, रेस्तरां मालिक और अन्य व्यापारी पर्यटकों की अनुपस्थिति से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। भद्रवाह के पर्यटन उद्योग को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पहलगाम की घटना के बाद जम्मू-कश्मीर में पर्यटन पर गहरा असर पड़ा है
‘छोटा कश्मीर’ के नाम से विख्यात भद्रवाह में लाखों पर्यटकों के आने की उम्मीद थी। लेकिन, इस हमले के बाद न केवल भद्रवाह, बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर में पर्यटन पर गहरा असर पड़ा है। व्यवसायियों का कहना है कि इस संकट ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचाई है, और वे प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने और पर्यटन को पुनर्जनन देने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
कश्मीर में 99 प्रतिशत व्यवसाय मुस्लिम समुदाय के पास है
होटल व्यवसायी अजय शर्मा ने बातचीत करते हुए बताया कि हमें इस समय जो सेटबैक का सामना करना पड़ रहा है, वह पिछले तीन-चार दिन पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कारण है। इस हमले की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, लेकिन हमारे पास शब्द ही नहीं हैं कि हम इसकी कितनी भर्त्सना करें। यह बहुत ही घिनौनी हरकत थी। इसने न केवल हमारा, बल्कि कश्मीर और कश्मीरी मुसलमानों को, बल्कि पूरी इंसानियत को घायल किया है। कश्मीर में 99 प्रतिशत व्यवसाय मुस्लिम समुदाय का है, जो पूरे हिंदुस्तान से जुड़ा है। हमारा व्यवसाय भी श्रीनगर की वजह से चलता है। वैष्णो देवी आने वाले पर्यटक श्रीनगर जाते हैं और जब श्रीनगर भर जाता है, तब पर्यटक भद्रवाह की ओर आते हैं। लेकिन, पिछले चार दिनों से हम इतने परेशान हैं कि लोग यहां आ ही नहीं रहे।
सरकार एसओपी लागू कर पर्यटकों को सुरक्षा के साथ आने की अनुमति दें
उन्होंने कहा कि हम उस हमले के वीडियो को भूल नहीं पा रहे, खासकर उस लड़की का वीडियो हमारे सामने बार-बार आता है। यह बहुत ही निंदनीय है। इसके साथ ही, हमारे पर्यटन स्थल इस समय पूरी तरह बंद हैं। हम प्रशासन से उम्मीद करते हैं कि वह एसओपी लागू करें और पर्यटकों को सुरक्षा के साथ आने की अनुमति दें। कटरा से बहुत सारे पर्यटक आ रहे हैं, भद्रवाह लोग आकर निराश होकर वापस जा रहे हैं। गाड़ियां आती हैं, रुकती हैं और फिर वापस चली जाती हैं। प्रशासन से हमारी अपील है कि वह इस स्थिति पर ध्यान दें।
अगर होटल बंद रहेंगे, तो लोग कर्मचारियों को निकालना शुरू कर देंगे
उन्होंने कहा कि पहलगाम की घटना बहुत दुखद थी, लेकिन हमें यह भी सोचना है कि जीवन तो आगे बढ़ेगा। हम चाहते हैं कि प्रशासन सुरक्षा प्रदान करे ताकि हमारा व्यवसाय फिर से शुरू हो सके। होटल चलाने में केवल होटल ही नहीं, बल्कि हर होटल में दो-तीन कर्मचारी हैं। भद्रवाह में सैकड़ों कर्मचारियों के घर इससे चलते हैं। अगर होटल बंद रहेंगे, तो लोग कर्मचारियों को निकालना शुरू कर देंगे। सब्जी वाले, मेडिकल स्टोर, ट्रांसपोर्टर, सब प्रभावित हो रहे हैं। ट्रांसपोर्टर रो रहे हैं कि पर्यटक नहीं आ रहे, जबकि यह सीजन का समय था। ट्रांसपोर्ट, ट्रैवल एजेंसियां, होटल, सब ठप हैं।
हमले से पहले भद्रवाह के सभी होटल भरे हुए थे
अजय शर्मा ने आगे कहा कि कोई शक नहीं कि भद्रवाह को छोटा कश्मीर कहा जाता है। पहले यहां 20-30 होटल थे, लेकिन अब 100 से ज्यादा होटल हैं, और 50 और होटलों का निर्माण चल रहा है, जिसमें 5-स्टार और 3-स्टार प्रॉपर्टी शामिल हैं। लेकिन अब ये सब खामोश हैं। निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन भविष्य क्या है? प्रशासन से हमारी एकमात्र गुजारिश है कि वह भद्रवाह के लिए सोचें। सुरक्षा भी देनी है और व्यवसाय भी चलाना है। हमले से पहले हमारे सभी होटल भरे हुए थे। (इनपुट-आईएएनएस)