दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने आज शुक्रवार को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के तीसरे चरण की पाबंदियां हटा दीं हैं। गौरतलब है कि ग्रैप-3 लागू होने पर निर्माण कार्य, तोड़फोड़ और गैर-जरूरी खनन गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है। सीएक्यूएम ने बताया कि एक्यूआई में सुधार जारी है और गुरुवार को भी ग्रैप-4 की पाबंदियां पहले ही हटा दी गई थी।
आज शुक्रवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 289 दर्ज किया गया जो ग्रैप-3 लागू होने के मानक 350 से नीचे है। आयोग ने बताया कि हवा की गति अगले कुछ दिनों तक तेज बनी रहेगी जिससे प्रदूषण और कम होने की संभावना है। हालांकि, ग्रैप-1 और ग्रैप-2 के तहत लागू पाबंदियां अभी जारी रहेंगी।
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) एक आपातकालीन योजना है, जिसे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू किया जाता है। यह एक्यूआई के आधार पर अलग-अलग चरणों में प्रभावी होती है। प्रदूषण के स्तर के अनुसार, इसमें कई सख्त कदम उठाए जाते हैं, जैसे डीजल जनरेटर पर रोक, पार्किंग शुल्क बढ़ाना, सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाना, निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की अपील, धूल फैलाने वाले निर्माण कार्यों पर रोक और खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध जैसे कदम शामिल हैं।
गौरतलब है कि ग्रैप पद्धति को 2016 में सर्वोच्च न्यायालय की स्वीकृति मिली थी और 2017 में इसे अधिसूचित किया गया। इसे लागू करने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की 13 एजेंसियां मिलकर काम करती हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना है।