बीते एक दशक में भारत ने कई ऐतिहासिक मोड़ पार किए हैं। योजनाएं ज़मीन पर उतरीं, तकनीक गांव-गांव तक पहुंची, विश्व मंचों पर भारत की आवाज़ बुलंद हुई और सबसे बढ़कर- हर नागरिक के मन में देश के प्रति एक नई चेतना का संचार हुआ है। बीते 11 सालों में इस देश ने परिवर्तन की ऐसा प्रेरणादायक यात्रा तय की है जिसमें प्रत्येक निर्णय, प्रत्येक योजना और प्रत्येक उपलब्धि एक ‘नवजागरण’ का हिस्सा रही। कैसे 2014 से 2025 तक भारत ने खुद को विकास, विश्वास और विजय के पथ पर अग्रसर किया, आज इस बात पर दुनिया की निगाह है। बीता दशक एक सशक्त, स्वावलंबी, स्वाभिमानी भारत के पुनर्जागरण का गवाह बन गया है।
सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं विकास की यह यात्रा
विकास की यह य़ात्रा सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है बल्कि गांव-गरीब तक सरकारी योजनाओं का पहुंचना अपने आप में बड़ा बदलाव है। यही वजह है कि भारत का मध्यम वर्ग अब सिर्फ़ एक आर्थिक श्रेणी नहीं, बल्कि देश की प्रगति का मेरुदंड बन चुका है। पिछले ग्यारह वर्षों में केंद्र सरकार ने कर राहत, शहरी व ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता और पेंशन सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में ठोस पहल कर गर वर्ग के जीवन को सम्मान, स्थायित्व और सशक्तिकरण से जोड़ा है। इसके अलावा विश्व पटल पर भी भारत आज मजबूती से खड़ा नजर आता है। लगातार की गई नीतिगत पहलें केवल घोषणाएं नहीं, बल्कि जमीनी बदलाव की मिसाल बन गई हैं। चाहे वह स्वास्थ्य का बोझ कम करना हो, घर का सपना साकार करना हो या दुनिया में भारत की अलग पहचान बनना ये सब उपब्धियां भरोसे और उत्तरदायित्व से भरे शासन की परिचायक हैं।
ग्लोबल स्टेज पर मिली मजबूती
बीते एक दशक में भारत न सिर्फ देश के अंदर के हालात बदले हैं बल्कि वैश्विक छवि भी सशक्त हुई है। 2023 में G20 की अध्यक्षता भारत ने ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के मंत्र के साथ की। विदेश यात्राओं, प्रवासी भारतीय सम्मेलनों और रणनीतिक साझेदारियों ने भारत को वैश्विक मंचों पर मजबूती से स्थापित किया। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) भारत की पर्यावरणीय कूटनीति का प्रमाण है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और नीतिगत निर्णय
2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक ने भारत की रक्षा नीति को आक्रामक रूप दिया। इसका संदेश स्पष्ट था कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा। 2019 में अनुच्छेद 370 की समाप्ति ने जम्मू-कश्मीर को भारत के संविधान की मुख्यधारा में शामिल किया। पहलगाम हमले के जवाब में हुए ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद की जड़ें हिला दी हैं। आतंकवाद के ठिकानों को मिट्टी में मिलाकर भारत ने दुनिया को संदेश दिया कि नया भारत अपने दम पर सीना तानकर खड़ा है।
तकनीकी सशक्तिकरण
डिजिटल इंडिया अभियान ने प्रशासन, सेवाएं और नागरिकों के जीवन में तकनीकी क्रांति लाई। गांवों तक इंटरनेट, सरकारी सेवाओं की ऑनलाइन उपलब्धता और डिजिटल भुगतान व्यवस्था ने एक नया युग शुरू किया। यूपीआई (UPI) के माध्यम से 2023 में भारत ने 100 अरब से अधिक लेनदेन किए, जिससे वह दुनिया में रियल टाइम डिजिटल भुगतान का अग्रणी देश बन गया।
हरित ऊर्जा और जलवायु नेतृत्व
मोदी सरकार ने 2030 तक 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखा है। सौर, पवन और जल ऊर्जा में भारत ने बड़े निवेश किए। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) भारत और फ्रांस की साझेदारी में बना एक ऐसा मंच है, जो 100 से अधिक देशों को स्वच्छ ऊर्जा समाधान में सहयोग करने की सुविधा देता है।
सांस्कृतिक गौरव और आस्था का सम्मान
2024 में अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन न केवल धार्मिक बल्कि राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बना। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था को नया ठिकाना मिला। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और केदारनाथ पुनर्विकास ने तीर्थाटन को सुविधाजनक और समृद्ध बनाया। यह योजनाएं आस्था और आधुनिकता का सुंदर संगम थीं।
कर सुधार: ईमानदारी का सम्मान
2025-26 के बजट में ऐतिहासिक कर सुधारों की घोषणा की गई। अब 12 लाख रुपए तक की सालाना आय पर (कुछ विशेष आयों को छोड़कर) कर नहीं लगेगा। इससे करोड़ों वेतनभोगी नागरिकों को राहत मिलेगी, भले ही इससे सरकार को 1 लाख करोड़ रुपए का राजस्व छोड़ना पड़े। सरल रिटर्न प्रक्रिया, पहले से भरे हुए फॉर्म और फेसलेस ई-असेसमेंट जैसे डिजिटल उपायों से कर अनुपालन में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। FY 2013-14 में 3.91 करोड़ व्यक्तिगत ITR फाइलिंग बढ़कर FY 2024-25 में 9.19 करोड़ तक पहुँच गई।
ग्रामीण भारत का सशक्तिकरण
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) के तहत हर साल 6,000 रुपए की सीधी सहायता 11 करोड़ से अधिक किसानों को दी गई। यह आर्थिक सहायता खेती की स्थिरता के लिए वरदान साबित हुई। फसल बीमा योजना और सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं ने ग्रामीण भारत को प्राकृतिक आपदाओं और जल संकट से लड़ने में मदद दी।
आर्थिक सुधारों ने बदली व्यवस्था
वस्तु एवं सेवा कर (GST) की शुरुआत 2017 में ‘एक राष्ट्र, एक कर’ के सिद्धांत पर हुई। इसने राज्यों और केंद्र के जटिल टैक्स ढांचे को खत्म कर व्यापारिक सुगमता को बढ़ाया। हालांकि आरंभ में कुछ समस्याएं आईं लेकिन अब GST को भारत के सबसे बड़े कर सुधारों में गिना जाता है। 2016 में लागू हुआ इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) बैंकों के फंसे कर्जों को सुलझाने और कॉर्पोरेट पारदर्शिता को बढ़ाने में अहम साबित हुआ। ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस (कारोबार करने की सुगमता) में भारत की रैंकिंग 2014 में 142 थी जो 2020 में 63 पर आ गई यह संकेत है कि सरकार ने लाइसेंस, मंजूरी और कारोबार की प्रक्रिया को सरल किया।
सड़क, बिजली और सपनों की उड़ान
मोदी सरकार के कार्यकाल में सड़क निर्माण की गति 12 किमी/प्रतिदिन से बढ़कर 30 किमी/प्रतिदिन से अधिक हो गई। नई एक्सप्रेसवे और हाइवे ने शहरों को गांवों से जोड़ा और लॉजिस्टिक्स को नया आयाम दिया। उड़ान योजना ने 90 हवाई अड्डों को 625 रूट्स से जोड़ा है। 1.49 करोड़ से अधिक नागरिकों ने कम लागत वाली हवाई यात्रा की है। 2014 में 74 हवाई अड्डों वाला भारत अब 159 हवाई अड्डों का देश बन चुका है।
सामाजिक सशक्तिकरण
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत 55 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए, जिससे गरीब और पिछड़े वर्ग को पहली बार बैंकिंग से जोड़ा गया। उज्ज्वला योजना के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन मिला। इससे स्वास्थ्य सुधरा और वनों पर दबाव घटा। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 4 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाए गए, जिनमें बिजली, पानी, शौचालय जैसी सुविधाएं शामिल रहीं।
स्वच्छता की क्रांति स्वच्छ भारत अभियान
2014 में शुरू हुआ स्वच्छ भारत अभियान केवल शौचालय निर्माण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें जनमानस की सोच भी बदली। 11 करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण के साथ ग्रामीण भारत में खुले में शौच की दर 39% से घटकर 1% से भी कम हो गई। आज देश में स्वच्छ भारत एक जनअभियान बन गया है। देश के प्रधानमंत्री स्वयं लोगों को जारूक करने के लिए सफ़ाई करते नजर आ चुके हैं।
स्वास्थ्य सुरक्षा और कोविड-19 प्रबंधन
आयुष्मान भारत योजना के तहत 40.84 करोड़ कार्ड जारी किए जा चुके हैं। 8.59 करोड़ से अधिक नागरिकों को 1.19 लाख करोड़ रुपए की स्वास्थ्य सेवाएं निशुल्क मिलीं। इसके अलावा जन औषधि योजना ने दवाओं को 50–80% कम कीमत पर उपलब्ध कराया है। 16,469 केंद्रों के ज़रिए रोज़ 10–12 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत ने 200 करोड़ से अधिक टीके लगाए और ‘वैक्सीन मैत्री’ के तहत 70 से अधिक देशों को टीके भेजे। CoWIN प्लेटफॉर्म ने डिजिटल स्वास्थ्य प्रबंधन की मिसाल कायम की।
एक दशक की निर्णायक नेतृत्व यात्रा
कुल मिलाकर 2014 से 2025 का यह दशक भारत के लिए नीतिगत साहस, प्रौद्योगिकी आधारित विकास और राष्ट्रीय आत्मबल का युग रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व शैली ने देश के हर क्षेत्र में गहरे और दीर्घकालिक बदलाव लाए। इन 11 सालों में भारत की गति आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक रूप से अप्रत्याशित बदल गई है। वित्तीय समावेशन और बुनियादी ढांचे के उन्नयन से लेकर साहसिक जियो पॉलिटिकल कदमों तक पीएम मोदी के दशक भर के शासन में ऐतिहासिक पहल देखी गईं जिसका लोहा आज दुनिया मान रही है।
(लेखक की राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, राजनीतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक मुद्दों पर गहरी पकड़ है।)