केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि वह उपग्रह संचार नेटवर्क यानी गैर-स्थलीय नेटवर्क के विकास को बड़ी उम्मीद के साथ देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह माध्यम दूरसंचार से वंचित लोगों को जोड़ने के अलावा संचार प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में नए अवसर तैयार करेंगे।
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के विकास के लिए प्रतिबद्ध
केंद्रीय संचार मंत्री ने राजधानी नई दिल्ली में दक्षिण एशियाई दूरसंचार विनियामक परिषद (एसएटीआरसी) की 25वीं बैठक का उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि भारत सरकार देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सिंधिया ने कहा कि भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज के तौर पर उभर रहा है, एसएटीआरसी-25 ज्ञान-साझाकरण और उभरती नीति और विनियामक चुनौतियों पर अभिनव दृष्टिकोणों के संगम के लिए एक उत्कृष्ट मंच के रूप में काम करेगा।
देश की करीब 99.3 फीसदी मोबाइल का निर्माण भारत में
उन्होंने कहा कि “सुरक्षित और मानक संचालित भविष्य” को विनियामक निकायों द्वारा नीतियों के निर्माण का मार्गदर्शन करना चाहिए। सिंधिया ने कहा कि देश की करीब 99.3 फीसदी मोबाइल जरूरतों का निर्माण भारत में ही हो रहा है। संचार मंत्री ने कहा कि यह बैठक दक्षिण एशियाई देशों के विनियामकों को मिलने, एकत्र होने और विचारों के साथ आगे आने का अवसर देगी।
1.2 अरब टेलीफोन और 970 मिलियन इंटरनेट ग्राहक
संचार मंत्री ने कहा कि 1.2 अरब टेलीफोन और 970 मिलियन इंटरनेट ग्राहकों के साथ भारत एक डिजिटल टाइटन के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था का 20 फीसदी हिस्सा डिजिटल हो जाएगा। बैठक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे एसएटीआरसी देशों के नियामकों और संबद्ध सदस्यों के प्रमुख शामिल हुए।