इस्पात मंत्रालय ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक चिंतन शिविर का आयोजन किया। इस दौरान इस्पात मंत्रालय के सचिव संदीप पौंड्रिक ने कहा कि उभरते प्रतिस्पर्धी वैश्विक और घरेलू परिदृश्य ने इस्पात सीपीएसई के लिए पारंपरिक तरीके से काम करने को चुनौती देने तथा इस्पात संयंत्र और खदानों के कार्यान्वयन व व्यवसाय के संचालन में नई रणनीतियों की खोज करने को अनिवार्य बना दिया है। उन्होंने उन पारंपरिक तरीकों से दूर रहने का आग्रह किया जो संभावित रिटर्न/ परिणामों को सीमित करते हैं और जिनमें बेहतर लाभ के लिए बदलाव की जरूरत है।
ब्लास्ट फर्नेस में नई पहल और ऊर्जा बचत के उपायों की सराहना
इस्पात सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस्पात सीपीएसई को परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए अनुबंध की कल्पना से लेकर उसे अंतिम रूप देने और उसके बाद पूरा करने तक के समय में कटौती करके परियोजना के प्रबंधन के लिए नई रणनीतियां अपनानी चाहिए। चिंतन शिविर के दौरान ब्लास्ट फर्नेस में नई पहल और ऊर्जा बचत उपायों से संबंधित प्रस्तुतियों को खूब प्रशंसा मिली।
विचार-विमर्श के दौरान, स्टील सीपीएसई की विदेश में मौजूदगी के महत्व को रेखांकित किया गया। यह महसूस किया गया कि एआई/ एमएल का इस्तेमाल न केवल उत्पादन में, बल्कि परिसंपत्तियों के प्रबंधन और मूल्यांकन, सुरक्षा, कच्चे माल की गुणवत्ता की भविष्यवाणी, डेटा विश्लेषण, स्वास्थ्य क्षेत्र, पर्यावरणीय प्रभावों और मानव संसाधन प्रबंधन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रक्रिया बेहतर करने को सुनिश्चित करने के लिए किया जा सकता है।
चिंतन शिविर में भविष्य के सम्मेलनों के लिए प्राप्त सुझाव उपयोगी
स्टील सीपीएसई के पैनलिस्ट ने टेक अपग्रेडेशन, एआई, मशीन लर्निंग (एमएल); अनुबंध के पूर्व पुरस्कार और पुरस्कार के बाद कार्रवाई निष्पादन दोनों में परियोजना के तेज निष्पादन; अंतरराष्ट्रीय परिसंपत्ति अधिग्रहण; चिंतन शिविर के दौरान ब्लास्ट फर्नेस क्षेत्र में ग्रीन स्टील बनाने की दिशा में नई पहल और ऊर्जा बचत के उपाय जैसे विषयों पर अपनी प्रस्तुतियां दीं।विचार-विमर्श का समापन करते हुए, इस्पात सचिव ने आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम हमें बड़े स्तर पर भारतीय इस्पात क्षेत्र की वृद्धि और विकास की दिशा में रास्ता तय करने में मदद करेगा। उन्होंने भविष्य के सम्मेलनों के लिए प्राप्त सुझावों की भी सराहना की।
अतिरिक्त सचिव एवं एफए, अध्यक्ष, एसएआईएल, सीएमडी, स्टील सीपीएसई के कार्यात्मक निदेशक, संयुक्त सचिव/ आर्थिक सलाहकार/ डीडीजी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ स्टील सीपीएसई के 120 प्रतिभागियों ने चिंतन शिविर में दिन भर के कार्यक्रमों में भाग लिया।