भारत और रूस ने मध्य पूर्व की स्थिति पर “गहरी चिंता” व्यक्त की है, जिसमें गाजा पर विशेष ध्यान देते हुए सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया गया है। 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान जारी संयुक्त वक्तव्य में दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2720 के प्रभावी कार्यान्वयन और गाजा पट्टी में मानवीय सहायता की तत्काल सुरक्षित और निर्बाध गति से पहुंचाने की अपील की है।
दो-राज्य समाधान के सिद्धांत के प्रति दोहराई प्रतिबद्धता
दोनों देशों ने युद्धविराम के लिए संयुक्त सुरक्षा संकल्प 2728 के प्रभावी कार्यान्वयन का भी आह्वान किया। उन्होंने सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के साथ-साथ उनकी चिकित्सा और अन्य मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए मानवीय पहुंच की भी मांग की। इसके साथ ही दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करते हुए दो-राज्य समाधान के सिद्धांत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हमले के बाद गाजा में संघर्ष बढ़ गया, जहां लगभग 2,500 आतंकवादियों ने गाजा पट्टी से इजरायल की सीमा का उल्लंघन किया, जिससे हताहत हुए और बंधकों को पकड़ लिया गया।
क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा सहयोग पर सहमति
दोनों देशों ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन आसियान क्षेत्रीय सुरक्षा मंच (एआरएफ), आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस (एडीएमएम-प्लस) सहित क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को गहरा करने के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रीय मंचों के भीतर सहयोग को मजबूत करने पर भी अपनी सहमति जताई है।
पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से किया गया सम्मानित
इस दौरान जलवायु परिवर्तन पर भी चर्चा की जिसमें दोनों देशों ने इससे निपटने के प्रयासों का विस्तार करने और UNFCCC और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने पर सहमति जताई है। इस दौरान दोनों देशों ने G20, BRICS और SCO ढांचे के भीतर प्रमुख मुद्दों पर बातचीत जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को ब्लादिमीर पुतिन ने उन्हें रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल द फर्स्ट-कॉल्ड से सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी को यह पुरस्कार 2019 में दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे बीते मंगलवार को व्यक्तिगत रूप से ग्रहण किया। प्रधानमंत्री को यह पुरस्कार रूस और भारत के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास में उनके विशिष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया।