यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन 27-28 फरवरी को भारत की आधिकारिक यात्रा पर आ रही हैं। यह दौरा भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) संबंधो के लिए काफी अहम माना जा रहा है। भारत में ईयू के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि पहली बार यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष पूरी यूरोपीय संघ सरकार (कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स) के साथ भारत आ रही हैं।
पीएम मोदी और उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
राजदूत डेल्फिन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ दुनिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने से वैश्विक चुनौतियों का समाधान निकालने में मदद मिलेगी। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
इस बातचीत में व्यापार, निवेश, तकनीक, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा जैसे विषयों पर ध्यान दिया जाएगा। राजदूत डेल्फिन ने उम्मीद जताई कि यह यात्रा इस साल के अंत में होने वाले भारत-ईयू शिखर सम्मेलन की नींव रखेगी जहां दोनों पक्ष भविष्य की रणनीति पर एक नया समझौता कर सकते हैं।
गौरतलब है कि यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और निवेशक है। दोनों पक्ष पहले से ही कई क्षेत्रों में साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर हो रही यह यात्रा भारत और ईयू के संबंधों को गहरा करेगी और नए सहयोग के अवसर खोलेगी।