भारत ने दूरसंचार विभाग में संयुक्त बेतार सलाहकार एम. रेवती को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) में रेडियो संचार ब्यूरो के निदेशक पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वैश्विक रेडियो स्पेक्ट्रम शासन में प्रभावशाली भूमिका के लिए कई दशकों में पहली बार किया गया देश का यह सबसे महत्वपूर्ण प्रयास है।
आपको बता दें, रेवती को स्पेक्ट्रम और उपग्रह कक्षाओं के प्रबंधन में करीब 30 वर्षों का अनुभव है। उनकी पहचान व्यापक रूप से अग्रणी विनियामक नवाचारों के लिए है। वह वर्तमान में आईटीयू के रेडियो रेगुलेशन बोर्ड में कार्यरत हैं, जो स्पेक्ट्रम के उपयोग में वैश्विक समानता का पक्षधर है।
अक्टूबर 2024 में नई दिल्ली में विश्व दूरसंचार मानकीकरण सम्मेलन (डब्ल्यूटीएसए) की सफल मेजबानी से वैश्विक दूरसंचार के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व की सराहना हुई। इस सम्मेलन में 150 से अधिक देशों के 3,700 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है। डब्ल्यूटीएसए 2024 में आठ ऐतिहासिक प्रस्तावों को स्वीकार किया गया जो डिजिटल भविष्य को आकार देने में भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है।
इस सम्मेलन में 150 से अधिक देशों के 3,700 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है। डब्ल्यूटीएसए 2024 में आठ ऐतिहासिक प्रस्तावों को स्वीकार किया गया जो डिजिटल भविष्य को आकार देने में भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है।
अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ जिनेवा में स्थित संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है, जो यह सुनिश्चित करती है कि विश्व की संचार प्रणालियां एक साथ, सुरक्षित और न्यायसंगत रूप से काम करें। आईटीयू का रेडियो संचार ब्यूरो वैश्विक रेडियो आवृत्तियों और उपग्रह कक्षाओं को नियंत्रित करता है, जो 5जी, 6जी, अंतरिक्ष ब्रॉडबैंड, आपदाओं की स्थिति में प्रतिक्रिया के लिए इन सीमित संसाधनों के प्रबंधन के उद्देश्य से महत्वपूर्ण है।
रेवती इस संस्था के निदेशक के रूप में अगली पीढ़ी के रेडियो संचार मानक तैयार करने और सभी तक समान रूप से स्पेक्ट्रम की पहुंच सुनिश्चित करने में केंद्रीय भूमिका निभाएंगी। निदेशक पद के लिए उनकी उम्मीदवारी भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के दृष्टिकोण और समावेशी डिजिटल विकास के लिए इसके प्रयास को दर्शाती है, जिससे विशेष रूप से विकासशील देशों को लाभ होगा।
यदि वह निर्वाचित हुईं तो इस ब्यूरो का नेतृत्व करने वाली पहली महिला होंगी और पहली बार विश्व की आधी से अधिक जनसंख्या वाले आईटीयू क्षेत्र ई (एशिया/ऑस्ट्रेलिया) और डी (अफ्रीका) का प्रतिनिधित्व करेंगी।