विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू भवन में सेंट्रल एशिया यूथ डेलिगेशन को संबोधित किया। उन्होंने भारत के आशावादी दृष्टिकोण और देश के युवाओं द्वारा तकनीक को तेजी से अपनाने को प्रमुख विशेषता बताया।
जयशंकर ने कहा, “आज, हम एक बहुत ही आशावादी समाज हैं। अगर आप भारत के युवाओं से पूछेंगे, तो उन्हें लगता है कि उनका जीवन बेहतर होगा। वे मानते हैं कि अगले 5-10 वर्षों में उनके लिए चीजें पहले से बेहतर होंगी। हर पीढ़ी को विश्वास है कि वह पिछली पीढ़ी से अधिक अच्छा करेगी।”
उन्होंने भारत के इस सकारात्मक दृष्टिकोण की तुलना वैश्विक स्थिति से करते हुए कहा कि दुनिया के हर हिस्से में ऐसा आत्मविश्वास नहीं है।
जयशंकर ने भारतीय युवाओं में तकनीक अपनाने की प्रवृत्ति को भी उजागर किया। उन्होंने कहा, “भारत में लोग अपने स्मार्टफोन को जीवन का अहम हिस्सा मानते हैं। हम तकनीक को तेजी से अपना रहे हैं, चाहे वह कैशलेस भुगतान हो, सरकारी सेवाएं हों या पेशेवर कामकाज का तरीका। इससे हमें नई संभावनाएं मिल रही हैं।”
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश को AI-फ्रेंडली बनाने के लिए तकनीक को अपनाने की मानसिकता विकसित करनी होगी।
जयशंकर ने इससे पहले एशिया सोसायटी के क्यूंग-व्हा कांग के साथ बातचीत में भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर खुली बातचीत होती है, जिसका परिणाम यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल के अंत तक एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते को पूरा करने पर सहमत हुए हैं।