भारत ने नेपाल सरकार के आग्रह पर पुल निर्माण सामग्री भेजी है। नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 40 से अधिक पुल पूरी तरह से टूट गए हैं। इस कारण अभी भी कई राजमार्गों पर यातायात शुरू नहीं हो पाया है। टूटे हुए पुलों के स्थान पर फौरी तौर पर अस्थाई पुल बनाए जा रहे हैं। नेपाल सरकार ने भारत सरकार से इसके लिए मदद मांगी थी।
भारत सरकार ने पहली खेप के रूप में 10 प्री फैब्रिक्रेटेड पुल निर्माण सामग्री नेपाल सरकार को हस्तांतरण की है। बुधवार देर रात बीरगंज स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास के तरफ से नेपाल सरकार को यह सामग्री दी गई। इस सामग्री का मूल्य 38 करोड़ रुपये से अधिक बताया गया है।
महावाणिज्य दूतावास के मुताबिक भारत के महावाणिज्य दूत देवी सहाय शरण ने बीरगंज के प्रमुख जिलाधिकारी दिनेश सागर भूषाल को यह सामग्री हस्तांतरित की । गौरतलब है, नेपाल के बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए भारत से अब तक 25 टन राहत सामग्री भेजी जा चुकी है।
करीबी पड़ोसियों के रूप में भारत और नेपाल मैत्री और सहयोग के अद्वितीय सम्बन्ध रखते हैं, जिसमें खुली सीमाओं और जनता के बीच रिश्ते और नातेदारी व संस्कृति के सम्पर्कों का गहरा सम्बन्ध है।
आपको बता दें इससे पहले अगस्त माह में भारत ने नेपाल में 669 मेगावाट हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के लिए करीब 5 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। भारत सरकार ने नेपाल के लोअर अरुण हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए सतलज जल विद्युत निगम को करीब 5 हजार करोड़ रुपये निवेश की अनुमति दी है।