प्रतिक्रिया | Friday, March 14, 2025

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समुद्री अपराधों से निपटने के लिए भारत-श्रीलंका ने की उच्च स्तरीय बैठक

भारत और श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों से निपटने के लिए साझे रणनीति पर काम करेंगे। इसी कड़ी में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों को नियंत्रित करने के लिए आज सोमवार को कोलंबो में भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) और श्रीलंका तटरक्षक (एसएलसीजी) के बीच वार्षिक बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री यात्राओं पर निकले नाविकों की सुरक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। इस बैठक में भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक डीजी एस. परमेश की अगुवाई में एक चार सदस्यीय आईसीजी प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया।

वहीं, दूसरी ओर श्रीलंका की ओर से महानिदेशक रियर एडमिरल वाईआर सेरासिंघे के नेतृत्व में एसएलसीजी प्रतिनिधिमंडल ने इस बैठक में भाग लिया। रक्षा मंत्रालय ने इस बैठक को दोनों तटरक्षकों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारत और श्रीलंका के बीच यह 7वीं वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक थी। इस वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक में दोनों देशों के तटरक्षक बलों ने समुद्री चुनौतियों का सामना करने की साझी प्रतिबद्धता जाहिर की। इसके साथ ही क्षेत्रीय समुद्रिक समकालीन मुद्दों की एक श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित किया गया।

इन मुद्दों में ड्रग तस्करी, समुद्री प्रदूषण, नाविकों की सुरक्षा, सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना, क्षमता निर्माण कार्यक्रम और अन्य सहयोगात्मक व्यवस्थाएं शामिल है। बैठक में इन चुनौतियों का सामना करने में पारस्परिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया गया।

बैठक का 8वां संस्करण भारतीय तटरक्षक बल वर्ष 2025 में करेगी आयोजित

दोनों देशों का मानना है कि आपस में सहयोग बढ़ाने से क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा का ढांचा मजबूत हुआ है। उच्च स्तरीय बैठक के विषय में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह वार्षिक बैठक मई 2018 में दोनों समुद्री एजेंसियों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन में उल्लिखित संस्थागत तंत्र का पालन करती है। बैठक का 8वां संस्करण 2025 में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा आयोजित किया जाएगा।

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आखरी अपडेट: 14th Mar 2025