भारत 2047 तक एक उच्च आय वाले देश बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था 23 से 35 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इस विकास में 8-10% की वार्षिक वृद्धि दर, बढ़ती श्रम शक्ति, तकनीकी प्रगति और प्रमुख उद्योगों के विस्तार की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। आने वाले दशकों में लगभग 20 करोड़ लोग कार्यबल में शामिल होंगे जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह जानकारी बेन एंड कंपनी (Bain & Company) और नैसकॉम (Nasscom) की एक रिपोर्ट में दी गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स, रिन्यूएबल एनर्जी, ऑटोमोबाइल सेक्टर की भूमिका होगी महत्वपूर्ण
रिपोर्ट के मुताबिक भारत की आर्थिक वृद्धि में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र 2047 तक 3.5 ट्रिलियन डॉलर का योगदान दे सकता है जिससे भारत एक वैश्विक विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) केंद्र बन सकता है। वहीं रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा जहां 2023 में कुल बिजली उत्पादन में 24% हिस्सेदारी रखने वाला यह सेक्टर 2047 तक 70% तक पहुंच सकता है। इससे भारत एक ऊर्जा आयातक से ऊर्जा निर्यातक में बदल सकता है। इसके अलावा, ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी बड़ा उछाल आने की उम्मीद है खासकर ऑटो-पार्ट्स निर्यात 200 से 250 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। यह शुरुआत में पारंपरिक वाहनों (ICE) से और बाद में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बढ़ती मांग से प्रेरित होगा।
तकनीकी प्रगति भी भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करेगी। एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित चिप डिजाइन, डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग और नई रासायनिक तकनीकों की मदद से भारत की ग्लोबल वैल्यू चेन में हिस्सेदारी 3% से बढ़कर 2047 तक 10% से अधिक हो सकती है। इसके लिए भारत को बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और अनुसंधान एवं विकास (R&D) में बड़े निवेश करने होंगे। नैस्कॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगीता गुप्ता के मुताबिक भारत की समावेशी और सतत आर्थिक वृद्धि के लिए एक तकनीक-प्रेरित (टेक-ड्रिवन) बहु-आयामी रणनीति आवश्यक होगी।”