भारत और अमेरिका के बीच तीनों सेनाओं के द्विपक्षीय अभ्यास ‘टाइगर ट्राइंफ’ का समुद्री चरण शुरू हो गया है। इसके तहत दोनों देशों की नौसेनाएं संयुक्त कमान, नियंत्रण केंद्र, संयुक्त राहत और चिकित्सा शिविर स्थापित करेंगी। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है। साथ ही इस समुद्री चरण में तीनों सेनाओं के विशेष कार्रवाई बल भी भाग लेंगे।
समुद्री चरण का अभ्यास 31 मार्च तक, तीनों सेनाओं के विशेष कार्रवाई बल लेंगे भाग
बताना चाहेंगे समुद्री चरण का अभ्यास 26 मार्च से शुरू हुआ है, जो 31 मार्च तक चलेगा। समुद्री अभ्यास में अमेरिकी नौसेना का यूएस नेवी लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक शामिल होगा, जिसमें इसके इंटेग्रल लैंडिंग क्राफ्ट एयर कुशन और हेलीकॉप्टर, एक विध्वंसक, समुद्री टोही और मीडियम लिफ्ट एयरक्राफ्ट और यूएस मरीन भी शामिल होंगे। अभ्यास में भारतीय नौसेना का एक लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक, लैंडिंग शिप टैंक (विशाल) भाग लेगा, जिनमें उनके इंटेग्रल लैंडिंग क्राफ्ट और हेलीकॉप्टर, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट और लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान हैं।
भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व मशीनीकृत बलों सहित इन्फेंट्री बटालियन ग्रुप करेगा। भारतीय वायु सेना मीडियम लिफ्ट एयरक्राफ्ट, ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर और एक रैपिड एक्शन मेडिकल टीम (आरएएमटी) तैनात करेगी। इसके अलावा तीनों सेनाओं के विशेष कार्रवाई बल भी अभ्यास में भाग लेंगे। इस अभ्यास का लक्ष्य बहुराष्ट्रीय एचएडीआर कार्रवाइयों के संचालन के संबंध में सर्वोत्तम प्रथाओं और मानक संचालन प्रक्रियाओं को साझा करना है।
विशाखापट्टनम में खत्म हुए हार्बर चरण में हुईं विशेषज्ञों के साथ पेशेवर चर्चा
इससे पहले भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच ‘टाइगर ट्राइंफ’ का उद्घाटन 19 मार्च को आईएनएस जलाश्व पर हुआ था। इसके बाद अभ्यास का हार्बर चरण 18 से 25 मार्च तक विशाखापट्टनम में आयोजित किया गया। बंदरगाह चरण के दौरान विशेषज्ञों के साथ पेशेवर चर्चाओं में विभिन्न कार्यों की योजना और निष्पादन प्रक्रियाओं के बारे में विचार-विमर्श किया गया। केवल इतना ही नहीं, इस दौरान दोनों देशों के सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच सौहार्द्र बढ़ाने के लिए खेल कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच त्वरित और सुचारू समन्वय सक्षम बनाने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के बारे में भी चर्चा हुई।