प्रतिक्रिया | Tuesday, January 21, 2025

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भारतीय नौसेना मानसिक स्वास्थ्य एवं आंतरिक सद्भाव पर चल रहे 6 दिवसीय विशेष कार्यक्रम के हिस्से के रूप में आज (मंगलवार) को नई दिल्ली में डीआरडीओ भवन के डॉ. डीएस कोठारी ऑडिटोरियम में ‘आत्म-परिवर्तन और आंतरिक-जागरण’ पर एक कार्यशाला आयोजित कर रही है। वर्कशॉप नौसेना के कर्मियों के भीतर मानसिक कल्याण और भावनात्मक सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करती है। यह स्थायी मानसिक एवं भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान और तकनीक के साथ आमजन को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

सही मायने में देखा जाये तो मानसिक स्वास्थ्य आज की तेजी से भागती-दौड़ती दुनिया में एक गंभीर चिंता के रूप में उभरा है, खासकर सशस्त्र बलों और इसकी असैन्य सहायता प्रणाली जैसे उच्च तनाव वाले वातावरण में काम करने वाले व्यक्तियों के लिए ऐसी परेशानियां बढ़ी हैं। मानसिक स्वास्थ्य में भावनात्मक शक्ति, आंतरिक सद्भाव एवं चुनौतियों के बीच शांत और केंद्रित रहने की क्षमता जैसे विभिन्न गुण शामिल हैं।

तेजी से बदलते कार्य परिवेश में असैन्य कर्मचारियों सहित नौसेना कर्मियों का मानसिक स्वास्थ्य प्राथमिकता बन जाता है, क्योंकि उनकी भूमिकाएं अक्सर निरंतर ध्यान व उच्च भावनात्मक सहनशक्ति की मांग करती हैं।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्माकुमारीज की शिवानी बहन उपस्थित रहेंगी। कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों की प्राप्तकर्ता बीके सिस्टर शिवानी ने अपना जीवन जनकल्याण में शांति और प्रसन्नता को फिर से खोजने में सहायता करने के लिए समर्पित कर दिया है। मानव व्यवहार को बदलने में उनकी भूमिका के लिए उन्हें 2019 में प्रतिष्ठित ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

यह कार्यशाला नौसेना के कर्मियों के भीतर मानसिक कल्याण और भावनात्मक सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करती है। यह स्थायी मानसिक एवं भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान और तकनीक के साथ आमजन को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

 

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आखरी अपडेट: 21st Jan 2025