भारतीय नौसेना का युद्धपोत ‘आईएनएस कुठार’ इन दिनों श्रीलंका में है। इसकी यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों, खासकर समुद्री संबंधों को मजबूती प्रदान करना है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि ‘आईएनएस कुठार’ हिंद महासागर क्षेत्र में मिशन तैनाती पर है और फिलहाल श्रीलंका की राजधानी कोलंबो पहुंच चुका है। इसके बाद दोनों देशों के नौसैनिक अधिकारियों की मुलाकात हुई है। समुद्री संबंधों को मजबूत करने की दिशा में पूर्वी नौसेना कमान के तत्वावधान में पूर्वी बेड़े का यह जहाज श्रीलंका में श्रीलंकाई नौसेना के साथ कई संयुक्त गतिविधियों में हिस्सा ले रहा है।
जहाज के कमांडिंग ऑफिसर कमांडर नितिन शर्मा ने श्रीलंकाई नौसेना में पश्चिमी नौसेना क्षेत्र के कमांडर एम.एच.सी.जे. सिल्वा से भी मुलाकात भी की। भारतीय नौसैनिक दल यहां श्रीलंका में पेशेवर बातचीत, ज्ञान-साझाकरण सत्र और संयुक्त गतिविधियों में शामिल हो रहा है। दोनों देशों के नौसैनिक भारत और श्रीलंका की नौसेनाओं के बीच परिचालन तालमेल बढ़ाने के लिए प्रयास करेंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को रेखांकित करती है। यह भारत सरकार के ‘नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ पहल के तहत सहयोग को भी आगे बढ़ाती है।
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में भारत और श्रीलंका की नौसेनाओं ने संयुक्त द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ‘एसएलआईएनईएक्स-24’ भी किया था। यह अभ्यास विशाखापत्तनम में दो चरणों में आयोजित किया गया था। दोनों देशों की नौसेनाओं ने पहले चरण में बंदरगाह और दूसरे चरण में समुद्री अभ्यास किया था। भारत और श्रीलंका के बीच यह संयुक्त सैन्य अभ्यास वर्ष 2005 में शुरू किया गया था। ‘एसएलआईएनईएक्स’ द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास एक महत्वपूर्ण संस्करण है। इसने पिछले कुछ वर्षों में भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत किया है।
दोनों देश समुद्री सुरक्षा को लेकर एक-दूसरे से लगातार सूचनाओं का आदान-प्रदान भी करते रहे हैं। ऐसे में भारतीय नौसैनिक जहाज की यह श्रीलंका यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।