प्रतिक्रिया | Saturday, July 27, 2024

भारत का रक्षा निर्यात 2 वर्षों में बढ़कर 40 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा: अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि सरकार अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। आज भारत का रक्षा उत्पादन 1 लाख करोड़ रुपये का और रक्षा निर्यात 16 हजार करोड़ रुपये का है।

उन्होंने कहा कि अगले 2 वर्षों में यह निर्यात मूल्य बढ़कर 40 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा। अनुराग ठाकुर बुधवार को नई दिल्ली में युद्धग्रस्त क्षेत्र की रिपोर्टिंग पर आधारित एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान को दोहराते हुए कहा कि यह युद्ध का नहीं, बल्कि चर्चा और विचार-विमर्श का समय है।

युद्ध किसी भी देश के लिए विनाशकारी

अनुराग ठाकुर ने कहा कि युद्ध किसी भी देश के लिए विनाशकारी होता है और इसे भारत से बेहतर कोई अन्य देश नहीं समझ सकता, जिसने 4 बार युद्ध की विभीषिका झेली है। बुधवार (13 मार्च) को नई दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान को दोहराया कि यह युद्ध का नहीं, बल्कि चर्चा और विचार-विमर्श का समय है।

इजराइल अपने दम पर खड़ा है

केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि एक राष्ट्र के रूप में, इज़राइल ने कठिन परिस्थितियों में भी अपना अस्तित्व बनाए रखा है। यह देश सुदृढ़ता का एक शानदार उदाहरण है और एक ऐसा देश बन गया है, जो नवाचार में अग्रणी है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद हुए नरसंहार की भयावहता से उबरकर, इजराइल आज एक ऐसा देश है, जो अपने दम पर खड़ा है।

भारत की रक्षा क्षेत्र में बढ़ती आत्मनिर्भरता

गौरतलब है कि अप्रैल 2023 में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में बताया गया कि वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा निर्यात 16,000 करोड़ रुपये के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा, जो 2016-17 की तुलना में 10 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी है। उल्लेखनीय है कि भारत 85 से ज्यादा देशों को निर्यात कर रहा है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार भारतीय उद्योग ने वर्तमान में रक्षा उत्पादों का निर्यात करने वाली 100 कंपनियों के साथ डिजाइन और विकास की अपनी क्षमता दुनिया को दिखाई है। बढ़ता रक्षा निर्यात और एयरो इंडिया 2023 में 104 देशों की भागीदारी भारत की बढ़ती रक्षा निर्माण क्षमताओं का प्रमाण है। वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष अप्रैल में इस उपलब्धि का भारत की प्रतिभा और ‘मेक इन इंडिया’ के प्रति उत्साह की स्पष्ट अभिव्यक्ति के रूप में वर्णन किया था। उन्होंने कहा था कि भारत को रक्षा उत्पादन का एक हब बनाने के प्रयासों को सरकार समर्थन देना जारी रखेगी।

सरकार भारत के रक्षा क्षेत्र को दे रही है एक नया आकार

उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा विनिर्माण में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देने को वर्तमान सरकार द्वारा लाया गया सबसे बड़ा बदलाव करार दिया है। यह बदलाव भारत के रक्षा क्षेत्र को एक नया आकार दे रहे हैं । विगत दिनों एक निजी मीडिया संगठन द्वारा आयोजित रक्षा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों का उल्लेख करते हुए बताया था कि इसमें उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना करना, सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना, पूंजीगत खरीद बजट का 75% घरेलू उद्योग के लिए आरक्षित करना, आयुध निर्माणी बोर्ड का निगमीकरण तथा रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स), आईडीईएक्स प्राइम, आईडीईएक्स (एडीआईटीआई) और प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) के साथ नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियों की इकाईयों का विकास जैसी योजनाएं एवं पहल शामिल हैं।

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आखरी अपडेट: 27th Jul 2024