प्रतिक्रिया | Tuesday, December 03, 2024

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कजाकिस्तान में रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा सचिव ने आतंकवाद के प्रति ज़ीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण अपनाने को कहा

भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने आज (शुक्रवार) को कजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्‍सा लिया। बैठक में रक्षा सचिव ने एससीओ क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने एससीओ सदस्य देशों की समृद्धि और विकास के लिए आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति ज़ीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

रक्षा मंत्रालय ने आज जारी एक बयान में कहा, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने 26 अप्रैल (शुक्रवार) को अस्ताना, कजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्‍सा लिया। बैठक के दौरान सभी एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों द्वारा एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। बैठक के उपरांत जारी एक संयुक्त विज्ञप्ति में एससीओ के रक्षा मंत्रियों ने अन्य पहलों के अलावा, ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के विचार को विकसित करने पर सहमति व्यक्त की। बता दें कि यह विचार ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के प्राचीन भारतीय दर्शन का परिचायक है।

मंत्रालय ने बताया कि मीटिंग में रक्षा सचिव ने एससीओ क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई। गिरिधर अरमाने ने एससीओ सदस्य देशों की समृद्धि और विकास के लिए आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति ज़ीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उल्लेखनीय है, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के भारत के लंबे समय से चले आ रहे प्रस्ताव का उल्लेख किया। इसके अलावा उन्होंने हिंद-प्रशांत के लिए भारत द्वारा प्रस्तावित ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर-एसएजीएआर)’ की अवधारणा पर भी प्रकाश डाला।

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आखरी अपडेट: 2nd Dec 2024