प्रतिक्रिया | Saturday, December 14, 2024

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

भारत में आने वाले समय में खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है और साथ ही आर्थिक विकास दर में तेजी देखने को मिल सकती है। इसकी वजह अच्छे मानसून और न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि के कारण कृषि क्षेत्र को फायदा होना है।

दरअसल, वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा इस बात की जानकारी दी गई है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि आने वाले महीनों के लिए भारत का आर्थिक परिदृश्य ‘सतर्क रूप से आशावादी’ है। मंत्रालय ने मानसून की अनुकूल स्थिति, बढ़े हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और खेती में इस्तेमाल होने वाले माल की पर्याप्त आपूर्ति की वजह से कृषि क्षेत्र को लाभ मिलने की संभावना जताई है। हालांकि, बाहरी मोर्चे पर विकसित बाजारों में मांग में नरमी के कारण भारत की निर्यात वसूली के चुनौतियों का सामना करने की संभावना है।

प्रमुख खाद्य कीमतों में नरमी का संकेत
आर्थिक मामलों के विभाग ने अक्टूबर संस्करण के लिए जारी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि बेहतर कृषि उपज की संभावनाओं ने चुनिंदा खाद्य वस्तुओं में मौजूदा मूल्य दबावों के बावजूद मुद्रास्फीति के परिदृश्य को नरम बना दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर की शुरुआत के रुझानों ने प्रमुख खाद्य कीमतों में नरमी का संकेत दिया है। हालांकि, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भू-राजनीतिक कारक घरेलू महंगाई और आपूर्ति श्रृंखलाओं को प्रभावित करना जारी रख सकते हैं।

रोजगार के मोर्चे पर औपचारिक कार्यबल का विस्तार
वैश्विक अस्थिरता के बीच मानसून के महीनों में कुछ समय तक धीमी गति के बाद भारत में आर्थिक गतिविधि के कई हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर में अक्टूबर में सुधार देखने को मिला है। इसमें ग्रामीण और शहरी मांग को दर्शाने वाले इंडिकेटर जैसे परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स और ई-वे बिल शामिल हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, रोजगार के मोर्चे पर औपचारिक कार्यबल का विस्तार हो रहा है, मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में नौकरियों में मजबूत वृद्धि हुई है और संगठित क्षेत्रों में युवाओं की संख्या में इजाफा हुआ है।

वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियां नाजुक
बाहरी सेक्टर को लेकर चिंताएं बरकरार हैं। विकसित बाजारों में मांग धीमी होने से निर्यात में सुधार को लेकर चुनौतियां बरकरार रहेंगी। हालांकि, सेवाओं के निर्यात में वृद्धि जारी रहेगी। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि रूस और यूक्रेन में युद्ध ने वित्तीय बाजारों के लिए चिंता पैदा की है। इसके कारण यूएस ट्रेजरी और गोल्ड जैसी सुरक्षित संपत्तियों की मांग में बढ़त देखी गई है। हालांकि, वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियां नाजुक बनी हुई हैं।

आगंतुकों: 13025384
आखरी अपडेट: 14th Dec 2024