भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि उसने मालदीव के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का प्रस्ताव किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘भारत सरकार की ओर से द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते के लिए मालदीव को कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। अगर मालदीव की सरकार भारत के साथ एफटीए में कोई रुचि दिखाती है तो भारत उस पर उचित विचार करेगा।’ बिश्केक की स्थिति पर उन्होंने बताया कि बिश्केक में स्थिति सामान्य बनी हुई है।
दरअसल पिछले हफ्ते मालदीव के आर्थिक विकास एवं व्यापार मंत्री मोहम्मद सईद ने माले में प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था, ‘वे (भारत) मालदीव के साथ साफ्टा (दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौता) के अतिरिक्त एफटीए भी करना चाहते हैं।’
बता दें की मुक्त व्यापार समझौता (FTA) देशों के बीच व्यापार से जुड़ा समझौता होता है जिसमें संबंधित पक्ष एक दूसरे से आयात पर शुल्क एवं अन्य बाधाएं कम करते हैं। इससे उनके बीच व्यापार सुगमता से होता है। भारत ने दुनिया के 25 देशों के साथ 14 व्यापार समझौते किए हैं और 50 से अधिक देशों के साथ नए समझौते करने की तैयारी में जुटा है।
गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इस बारे में प्रश्न पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया अगर मालदीव की सरकार भारत के साथ एफटीए में कोई रुचि दिखाती है तो भारत उस पर उचित विचार करेगा।
वहीं, बिश्केक की स्थिति पर उन्होंने बताया कि बिश्केक में स्थिति सामान्य बनी हुई है। लगभग दो सप्ताह पहले, कुछ ऐसी घटनाएं हुई थीं जिनमें भारतीय नहीं, बल्कि विदेशी छात्र शामिल थे। उसके कारण, भारतीय छात्र परेशान हो गए। वे थोड़े चिंतित थे। हमारा दूतावास हरकत में आया। हमने छात्रों की सहायता के लिए हेल्पलाइन स्थापित कीं। हमने इस मामले को स्थानीय अधिकारियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष भी उठाया, ताकि हमारे छात्रों के कल्याण और सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके।
जायसवाल ने कहा कि मैं आपको बताना चाहूंगा कि यह हमारे छात्रों के लिए परीक्षा का समय है और परीक्षा समाप्त होने के बाद, गर्मी की छुट्टियां होंगी जिसमें उनमें से कई वापस आएंगे। बिश्केक और दिल्ली के बीच सप्ताह में दो बार सीधी उड़ानें हैं और दैनिक आधार पर अल्माटी के माध्यम से भी सीधी उड़ान है जिसका लाभ उठाया जा सकता है और हमारा दूतावास हमारे छात्रों को किसी भी तरह से अनुरोध मिलने पर सहायता करने के लिए तैयार है। दरअसल वर्तमान में लगभग 17,000 भारतीय छात्र किर्गिज गणराज्य में अध्ययन कर रहे हैं और उनमें से अधिकांश बिश्केक में हैं।