चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारत के पहले एआई-आधारित कैंपस की स्थापना की घोषणा की है। यह कैंपस उन्नाव के एससीआर क्षेत्र में स्थित होगा और यहां विद्यार्थियों को एआई-संवर्धित शिक्षा प्रदान की जाएगी। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का यह नया एआई-सक्षम कैंपस 2025-26 शैक्षणिक सत्र से शुरू होगा। इसमें इंजीनियरिंग, बिजनेस, हेल्थ और लाइफ साइंसेज, ह्यूमैनिटीज, लिबरल आर्ट्स और लीगल स्टडीज जैसे छह प्रमुख क्षेत्रों में स्नातक और पोस्टग्रैजुएट प्रोग्राम्स उपलब्ध कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिए उन्नाव में अधिकार पत्र भी जारी कर दिया है।
इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है। राज्य अब देश का शिक्षा हब बनता जा रहा है, और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का एआई कैंपस इस दिशा में एक अहम योगदान होगा।”
इसके अलावा, राज्यसभा सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति सतनाम सिंह संधू ने कहा कि भारत एआई तकनीक को अपनाने में अग्रणी बन चुका है, और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का यह नया कैंपस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एआई-आधारित विकास दृष्टिकोण के अनुरूप है।
कैपजेमिनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष मुकेश जैन ने कहा, “एआई से न केवल मौजूदा रोजगार में बदलाव आएगा, बल्कि नई नौकरियों का सृजन भी होगा।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एआई शिक्षा छात्रों को भविष्य के करियर के लिए तैयार करेगी।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रबंध निदेशक जय इंदर सिंह संधू ने बताया कि 2025-26 शैक्षणिक सत्र में विश्वविद्यालय अपने छात्रों को 40 करोड़ रुपये की छात्रवृत्तियां प्रदान करेगा। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की यह नई पहल राज्य के युवाओं को एआई आधारित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने में मदद करेगी और उत्तर प्रदेश को डिजिटल और तकनीकी विकास के क्षेत्र में एक नई दिशा मिलेगी।