वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024-25 को उद्योग जगत के दिग्गजों से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने सराहना करते हुए बजट को आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, व्यापार सुगमता वाला बताया। पुरी ने कहा इसने कृषि और विनिर्माण से लेकर सेवाओं तक कई क्षेत्रों में बहुत सारे निवेश लाए हैं।
उन्होंने कहा वित्त मंत्री ने कर कानून की व्यापक समीक्षा के बारे में भी बात की, ताकि इसे सरल बनाया जा सके। पुरी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगली पीढ़ी के सुधार, सभी कारक लागतों को देखें तो मुझे लगता है कि ये बहुत महत्वपूर्ण घोषणाएं हैं।
भूमि का डिजिटलीकरण, विकास और कर संग्रह के लिए महत्वपूर्ण : सीबीआरई अध्यक्ष
वहीं भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के लिए सीबीआरई के अध्यक्ष और सीईओ अंशुमान ने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “एक बड़ी बात भूमि का डिजिटलीकरण था। वित्त मंत्री ने भूमि के लिए आधार के बारे में बात की और भूमि न केवल आवास के विकास के लिए बल्कि विनिर्माण के लिए भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है अगर इसे डिजिटल किया जाता है तो इससे मुकदमेबाजी कम होगी। इससे निवेश भी आएगा और सरकार का कर संग्रह भी बढ़ेगा।
हीरानंदानी और NAREDCO के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने रोजगार केंद्रित क्षेत्रों के उद्देश्य से राजकोषीय प्रोत्साहन और संरचनात्मक सुधारों पर बजट के फोकस के लिए खुशी जाहिर करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र की इंटर्नशिप, वेतन सहायता और सीएसआर-वित्त पोषित प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं की रोजगार क्षमता पर सरकार ने जोर दिया है।
शहरी विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन
उन्होंने कहा, “पीएमएवाई शहरी योजना के तहत 10 लाख करोड़ रुपये का विशाल आवंटन, जिसका लक्ष्य 3 करोड़ घर बनाना, साथ ही 12 नए औद्योगिक पार्कों को मंजूरी देना, शहरी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। हीरानंदानी ने कहा कि “11.11 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय आवंटन में परिलक्षित निरंतर बुनियादी ढांचे के प्रोत्साहन के साथ, हम औद्योगिक मजदूरों के लिए किफायती किराये के आवास में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद करते हैं।
हीरानंदानी ने इंडेक्सेशन लाभों के बिना दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर में 12.5 प्रतिशत की कटौती और इक्विटी शेयरों के साथ दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के लिए होल्डिंग अवधि को 24 महीने तक कम करने को निवेश को बढ़ावा देने और क्षेत्र के भीतर प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “स्टांप ड्यूटी और अन्य विकास प्रीमियम को कम करने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करने पर जोर एक निर्णायक कदम है। इससे न केवल शहरी आवास विकास को बढ़ावा मिलेगा बल्कि किफायती आवास अधिक सुलभ बनेंगे, विकास लागतों का अनुकूलन होगा और मांग को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, “पुनर्विकास उन्मुख योजनाओं के कार्यान्वयन पर सावधानीपूर्वक ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि वे शहरी विकास को बढ़ावा देने, रोजगार पैदा करने, निवेश आकर्षित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।” नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि बजट से पता चलता है कि सरकार बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट ने दीर्घकालिक सामाजिक और बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है। पूंजीगत व्यय के लिए 11.11 लाख करोड़ का परिव्यय, जो वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद के 3.3% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 3.4% हो गया है। देश में रेलवे, सड़कों और समग्र बुनियादी ढांचे के विकास को जारी रखेगा। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 12 औद्योगिक पार्क प्रोजेक्ट जिनमें आर्थिक केंद्रों को विकसित किया जाएगा। ज्ञातव्य हो कि मंगलवार को संसद में पेश किया गया केंद्रीय बजट 2024 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लगातार सातवां बजट था।